दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने ‘Pranab, My Father: A Daughter Remembers’ नामक पुस्तक लिखा है, जिसमें कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को लेकर कुछ ऐसे खुलासे हुए हैं जिसके बाद कॉन्ग्रेस नेता बिफर गए हैं। हालाँकि, 2 साल पहले सक्रिय राजनीति छोड़ चुकीं शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि वैचारिक रूप से वो कॉन्ग्रेस पार्टी में विश्वास करती हैं, क्योंकि ये पार्टी लिबरल और सेक्युलर विचारधारा पर चलती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस अब वही सब कुछ कर रही है, जिसका आरोप वो भाजपा पर लगाती रही है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस का आलाकमान ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करता, जो अपने अलग विचार रखता हो। उन्होंने कॉन्ग्रेस आलाकमान और उसके समर्थकों पर असहिष्णुता का आरोप मढ़ा। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ये भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा उनके पिता के पाँव छूटे थे, निजी मुलाकातों में भी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग वैचारिक पक्षों के 2 लोगों ने अच्छे से साथ काम किया, ये आश्चर्यजनक था।
इस किताब से खुलासा हुआ है कि प्रणब मुखर्जी मानते थे कि राहुल गाँधी को और परिपक्व होने की ज़रूरत है। वो राहुल गाँधी को ‘विनम्र’ और ‘काफी सवाल पूछने’ वाला तो मानते थे, लेकिन कहते थे कि उन्हें राजनीतिक रूप से और परिपक्व होने की ज़रूरत है। शर्मिष्ठा ने एक घटना का जिक्र भी किया है। एक बार सुबह-सुबह राहुल गाँधी अमृत उद्यान (तब मुग़ल गार्डन) प्रणब मुखर्जी से मिलने पहुँच गए। प्रणब मुखर्जी सुबह टहलने और अपनी पूजा के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान नहीं पसंद करते थे।
जब उन्होंने प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की तो पता चला कि ये बैठक शाम में तय थी, लेकिन राहुल गाँधी के कार्यालय ने उन्हें सुबह का समय बता दिया। प्रणब मुखर्जी ने तब कहा था कि राहुल गाँधी का दफ्तर जब AM और PM का अंतर नहीं समझता, तो एक दिन वो PMO कैसे चलाएँगे? प्रणब मुखर्जी मानते थे कि राहुल गाँधी में उनके पूर्वजों जैसा ही दम्भ है लेकिन वैसी क्षमता नहीं है। साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होकर सरकार का अनुभव लेने की सलाह भी उन्होंने दी थी।
इन खुलासों पर भड़के ‘अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स एन्ड एम्प्लाइज कॉन्ग्रेस’ के अध्यक्ष उदित राज ने कहा, “कॉन्ग्रेस ने ही प्रणब मुखर्जी जी को फ़र्श से अर्श तक पहुँचाया और उसी में बुराई देखी। मोदी जी में अच्छाई देखी जिनकी इन्हें बनाने में कोई भूमिका न थी। इसे कहते हैं जिस थाली में खाया और उसी में छेद कर दिया। कॉन्ग्रेस की गलती रही हो कि जिसका वोट बैंक न हो उसे अर्श तक पहुँचाया। बड़े काबिल थे तो बंगाल में कॉन्ग्रेस को खड़ा किए होते।”
कांग्रेस ने ही प्रणब मुखर्जी जी को फ़र्श से अर्श तक पहुँचाया और उसी में बुराई देखी। मोदी जी में अच्छाई देखी जिसका इन्हें बनाने में कोई भूमिका न थी। इसे कहते हैं जिस थाली में खाया और उसी में छेद कर दिया।कांग्रेस की गलती रही हो कि जिसका वोट बैंक न हो उसे अर्श तक पहुँचाया। बड़े…
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) December 7, 2023
इसी तरह राज्यसभा में कॉन्ग्रेस के उप-नेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि दुनिया गाँधी के निर्देश पर ही प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गाँधी ने ही प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया था। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी को हमेशा वरिष्ठतम कैबिनेट मंत्री के रूप में रखा गया। उन्होंने याद दिलाया कि शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता की ही आलोचना कर दी थी, जब वो नागपुर गए थे। बता दें कि राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा कर चुके प्रणब मुखर्जी ने जून 2018 में RSS मुख्यालय पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया था।