जम्मू-कश्मीर में बनी चेनानी-नाश्री सुरंग का नाम कश्मीर में बलिदान देने वाले जनसंघ के बड़े नेता रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रख दिया गया। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष के तौर पर पहुँचे केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने शिरकत की। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, “हमें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। वह दिन दूर नहीं जब पीओके में भी तिरंगा (या निशान) फहराया जाएगा, वही निशान जिसके चलते श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी जान दी थी।”
चेनानी से नाश्री तक के बीच बनी जिस सुरंग के कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह शामिल हुए, पीएम मोदी ने उसका उद्घाटन साल 2017 में ही कर दिया था। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उस वक़्त किन्ही कारणों के चलते इसका नामकरण श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर नहीं हो पाया था। मोदी सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को इसका श्रेय देते हुए उन्होंने कहा, “सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने हमारे इस प्रस्ताव पर बिना समय गँवाए मंज़ूरी दे दी, जिसके लिए हम उनके कृतज्ञ हैं।”
Naming ceremony of Chenani-Nashri tunnel in #Jammu & #Kashmir as Dr Syama Prasad Mookerjee Tunnel.
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) October 24, 2019
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उन्होंने इस टनल का नाम श्यामा प्रसाद मुखेर्जी के नाम पर रखने को लेकर बताया बताया कि आज से 66 साल पहले, 11 मई 1953 को लखनपुर में बिना किसी एफआईआर, चार्जशीट या फिर चेतावनी के बगैर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें इसी चेनानी-नाश्री रोड के ज़रिये ले जाया गया। 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु के बाद उनकी माँ ने प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को पत्र लिखा मगर उन्होंने इस पर कोई ध्यान तक नहीं दिया।
“न ही इस मामले में कोई इन्क्वायरी हुई। मगर अब नया दौर है, तब नेहरुजी की सरकार थी, आज मोदीजी की सरकार है। यद्यपि उस जाँच की भरपाई तो नहीं हो सकती मगर आने वाली पीढ़ी के लिए यह श्रद्धांजलि उनकी विरासत को संरक्षित करने का काम करेगी। पंडित नेहरु की सरकार द्वारा की गई गलतियों का प्रायश्चित अब मोदी सरकार कर रही है।” बता दें कि इस टनल को मुखर्जी के नाम पर करने का फैसला कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के दो महीने बाद आया है।
हाल ही में पीओके में तिरंगा फहराने वाला केन्द्रीय मंत्री का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि पीओके पर कही गई अपनी बातों पर वे पहले की ही तरह पूर्णतः अडिग हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के महाराज हरि सिंह के भारत में विलय होने के फैसले के बाद वहाँ यथास्थिति बनाए रखने के लिए अनुच्छेद 370 को संविधान में जोड़ा गया था।
महाराजा हरि सिंह की जन्मजयन्ती पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटा देने से राज्य के आम नागरिकों को काफी फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि अब वह दिन दूर नहीं जब पीओके यानी पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग होगा।
बता दें कि 2600 करोड़ रूपए की लागत से बनकर तैयार हुई 9 किलोमीटर लम्बी श्यामा प्रसाद मुख़र्जी टनल में 9.35 मीटर कैरेजवे है और इसमें दोनो ओर 5 मीटर की चढ़ाई वाली निकासी है। इस टनल के समनान्तार एक और टनल आपात स्थति के लिए बनाई गई है जिसे हर 300 मीटर पर इसके साथ जोड़ा गया है। इस टनल के होने से सबसे बड़ी सुविधा होगी कि जम्मू और उधमपुर से रामबान, बानिहाल और श्रीनगर की और जाने वाले लोग अपने सफ़र में अब तकरीबन दो घंटे का समय बचा सकेंगे। यह टनल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है जहाँ सर्विलांस, अग्नि-शमन से लेकर प्रसारण प्रणाली और यातायात नियंत्रण तक की सुविधा दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टनल में हर 150 मीटर की दूरी पर SOS की सुविधा दी गई है।