कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इसे लागू किए जाने के बाद से ही देश के अलग-अलग हिस्सों से मजूदरों के अपने गॉंवों की तरफ पैदल कूच करने की तस्वीरें सामने आ रही थी। ये वो लोग हैं जो दो जून की रोटी के लिए बड़े शहरों में रह रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के बाॅर्डर पर पैदल आ रहे मजदूरों और कर्मकारों के लिए मानवीय आधार पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को निर्देशित किया है कि मानवीय आधार पर ऐसे व्यक्तियों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था की जाए और स्वास्थ्य संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आश्वस्त किया कि बिहार जाने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और इन व्यक्तियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य स्थल तक भेजा जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भी आश्वस्त किया कि उत्तराखंड निवासी सभी लोगों के भोजन व संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाॅकडाउन को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता कर हरियाणा में उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए उनके प्रदेश में यथा स्थान ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें आश्वस्त किया कि हर व्यक्ति की सुविधा-सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
इसके साथ ही सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिए कि वाराणसी सहित प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थानों पर फँसे अन्य राज्यों जैसे गुजरात आदि के तीर्थ यात्रियों के लिए भी भोजन व सुरक्षा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसी तरह जब अहमदाबाद से बड़ी तादाद में मजदूरों के पैदल ही राजस्थान कूच करने की खबर आई तो गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल खुद सड़कों पर निकल पड़े। उन्होंने मजदूरों से बात की और उनके लिए खाने का इंतजाम किया। साथ ही उन्होंने राजस्थान जाने वाले लगभग 700 प्रवासी श्रमिकों के लिए परिवहन की व्यवस्था की। पटेल के ट्विटर हैंडल पर बताया गया, उपमुख्यमंत्री कल रात राजमार्ग पर 700 प्रवासी श्रमिकों से मिले। वे सभी अहमदाबाद से राजस्थान अपने पैतृक गाँव लौट रहे थे। इसमें बताया गया कि उन्होंने राज्य के अधिकारियों और गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा को मौके पर बुलाया। श्रमिकों के भोजन और परिवहन की व्यवस्था की ताकि उन्हें राजस्थान की सीमा तक पहुँचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि देशबंदी हजारों दिहाड़ी मजदूरों पर भारी पड़ रही है। फैक्ट्रियाँ, दुकानें, ढाबे बंद हुए तो इनके पास काम नहीं रहा। घर जाने के सारे साधन बंद हैं तो पैरों का सहारा बचा। ऐसी हालत में कुछ लोग मसीहा बनकर सामने आ रहे हैं।