दिवाली के ख़ास मौक़े पर उत्तर प्रदेश सरकार ने होमगार्डों की ख़ुशियाँ फ़ीकी नहीं पड़नी दीं। सरकार ने 25 हज़ार होमगार्डों की ड्यूटी जारी रखने के निर्देश जारी रखने का आदेश दिया है। गुरुवार (24 अक्टूबर) को अपर प्रमुख सचिव गृह ने त्योहार को बजट के हिसाब से गार्डों की ड्यूटी लगाए जाने का आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, अब दिवाली और राम मंदिर पर आने वाले फ़ैसले को देखते हुए क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए होमगार्डों की ज़रूरत भी बढ़ गई है। इसलिए, होमगार्डों की ड्यूटी बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस ने 12 अक्टूबर को प्रदेश में तैनात होमगार्ड के 25 हज़ार जवानों को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटाने का निर्णल लिया था। उस समय यूपी पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि 25 हज़ार होमगार्डों को ड्यूटी से हटाने का निर्णय अगस्त-2019 में चीफ़ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था।
ख़बर के अनुसार, प्रदेश के होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान भी सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ होमगार्ड के साथ खड़े थे। जबकि 12 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था क़ायम करने के लिए पुलिस विभाग के बजट से लगाए गए 25 हज़ार होमगार्ड की सेवाएँ लेने से पुलिस विभाग ने मना कर दिया था। इस संबंध में एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड ने आदेश जारी किया था, उसके बाद से ही प्रदेश में खलबली मच गई थी।
इस विवाद को शांत करने में होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने मोर्चा संभाला था। आदेश पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता करने के साथ भरोसा दिलाया था कि होमगार्ड पुलिस विभाग में अपनी सेवाएँ देते रहेंगे। डीजीपी से बातचीत करके सीमित बजट में ड्यूटी देने का सुझाव दिया गया है।
दरअसल, होमगार्ड को पहले 500 रुपए का रोज़ाना भत्ता मिलता था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 672 रुपए कर दिया गया था। इससे उत्तर प्रदेश पुलिस के बजट पर असर पड़ रहा था। बता दें कि होमगार्ड्स का कोई मासिक वेतन नहीं होता, उन्हे ड्यूटी के आधार पर मानदेय दिया जाता है। होमगार्ड मंत्री चौहान का कहना है कि 31 मार्च के बाद सभी होमगार्ड को नए मानदेय के साथ ड्यूटी मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए बजट में होमगार्ड और पुलिस का बजट बढ़ेगा।