उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) समेत पाँच चुनावी राज्यों के चुनाव परिणाम कल आएँगे। लेकिन उससे पहले राजनीतिक पार्टियाँ अपना-अपना दावा और तर्क दे रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों के साथ ही आम लोगों के बीच भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला रहा है। इस पर जहाँ एक तरफ यूपी की राजनीति को समझने वाले पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स और सट्टा बाजार के अपने मत हैं तो वहीं गाँव-शहरों में बैठा आम आदमी भी यूपी चुनावों के नतीजों पर अपनी समझ के लिहाज से कयास लगा रहा है। ये कयास कितने और किस हद तक मजेदार हैं अगर इसे समझना हो तो यूपी के बदायूँ का रुख कर सकते हैं।
यहाँ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो समर्थकों में ये शर्त लगी है। परिणाम अखिलेश के पक्ष में होंगे या योगी आदित्यनाथ को फायदा पहुँचाएँगे इसे लेकर चार बीघे जमीन की जोत दाँव पर लग गई है। बदायूँ के विजय सिंह जहाँ भाजपा के समर्थन में हैं तो वहीं शेर अली शाह नाम के शख्स सपा की तरफदारी कर रहे हैं।
दोनों ने पूरे गाँव के सामने न केवल शर्त लगाई है बल्कि एक करारनामा भी तैयार कराया है जिसमें अँगूठे के निशान के साथ साथ गवाहों के भी नाम लिखे हुए हैं। चूँकि शेर अली और विजय सिंह का ये दिलचस्प करारनामा सोशल मीडिया पर वायरल है। ऐसे में हमारे लिए भी ये बहुत जरूरी है कि हम बताएँ कि इस करारनामे में लिखा क्या है।
शर्त में क्या लिखा है
यूपी में भाजपा आएगी या अखिलेश यादव को यूपी अपने अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखेगा? शेर अली और विजय सिंह का ये सवाल पंचायत की नजर में आ चुका था, इसलिए जो करारनामा तैयार हुआ है उसमें साफ साफ लिखा है कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी चार बीघा जमीन विजय सिंह को एक साल तक खेती के लिए देंगे। वहीं, यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह को 4 बीघा जमीन एक साल के लिए शेर अली के हवाले करनी होगी।
गाँव के प्रमुख 12 लोग बने गवाह
बाद में कोई अपने बात से न पलटे इसके लिए गाँव के प्रमुख लोग किशनपाल सेंगर, जय सिंह शाक्य, कन्ही लाल, राजाराम, उमेश, राजीव कुमार, सतीश कुमार सहित 12 लोग गवाह बने हैं। यानी जहाँ एक तरह यूपी चुनाव के परिणाम अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के लिए अहम हैं तो वहीं शेर अली और विजय सिंह के लिहाज से ये महत्वूर्ण हैं।