Monday, December 23, 2024
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‘ताड़ना अवधी-बुंदेली शब्द, सपा वाले क्या जाने उसका अर्थ’: रामचरितमानस के समर्थन में उतरे CM योगी, कहा- सिर्फ श्रीराम ही हमारे राजा

सीएम योगी ने मुलायम सिंह के 'लड़कों से गलती हो जाती हैं' वाले बयान का जिक्र किया। इस पर अखिलेश ने कहा चिन्मयानंद जिक्र किया और कहा कि शर्म आनी चाहिए। इस पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा, "शर्म तो तुम्हें करनी चाहिए जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने विधानसभा में अपने भाषण के दौरान कई मुद्दों पर राय रखी। इनमें से सबसे प्रमुख हालिया विवाद रामचरितमानस को लेकर है। सीएम योगी ने कहा कि रामचरितमानस के लेखक तुलसीदास ने समाज को जोड़ने का काम किया है। मानस की चौपाइयों की सही व्याख्या होनी चाहिए।

हाल में ताड़ना शब्द को लेकर यूपी-बिहार में राजनीतिक बवाल हुआ था। इसको लेकर सीएम योगी ने कहा कि रामचरितमानस की रचना अवधी में की गई है। इसमें अवधी और बुंदेलखंडी के शब्द ‘ताड़ना’ और ‘शूद्र’ का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा कि ‘शूद्र’ का मतलब ‘श्रमिक’ और ‘ताड़ना’ का अर्थ ‘देखना’ होता है।

सीएम योगी ने कहा कि ताड़ना का अर्थ ‘मारना’ नहीं होता है, लेकिन आजकल सब अपने हिसाब से ग्रंथों की व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में फाड़े गए रामचरितमानस पर गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर सीएम ने कहा कि कुछ लोगों ने इसे फाड़कर गलत किया।

ताड़ना शब्द के संदर्भ में सीएम योगी भगवान राम द्वारा समुद्र से रास्ता माँगने की बात का जिक्र करते हैं। सीएम योगी कहते हैं, “…समुद्र खड़ा होकर भगवान श्रीराम जी से कहता है… प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥ ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥”

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामचरितमानस की रचना जिस कालखंड में हुई, उस समय महिलाओं की स्थिति क्या थी ये बात किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस अवधी में रची गई। उसके शब्दों का सही अर्थ भी समाजवादी पार्टी वालों को पता है? उन्होंने कहा कि अगर कोई कुछ देखता है तो अवधी में कहा जाता है, ‘क्या ताड़ रहे हो’।

सीएम योगी ने कहा कि यहाँ ताड़ना का अर्थ देखने से होता है, मारने से नहीं। बुंदेलखंडी में कोई कहता है कि ‘मोरे लड़कन को ताड़े रहिओ‘ इसका मतलब होता कि ‘मेरे बेटों को देखते रहना’। सीएम योगी ने कहा यह भगवान राम और कृष्ण की धरती है, संगम की धरती है। यहाँ रामायण जैसे ग्रंथ रचे गए। उन्होंने कहा कि ऐसे ग्रंथों को जलाया गया और देश-दुनिया के हिंदुओं को अपमानित किया गया।

उन्होंने कहा, “उस समय सत्ता की ओर से तुलसीदास जी को बुलावा आया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा कि हमारे राजा तो सिर्फ एक ही हैं – श्रीराम। राम के अलावा मैं किसी को राजा नहीं मानता।” सीएम योगी ने कहा कि आज भी देश में रामलीला का जो प्रचलन है, वह तुलसीदास की ही वजह से है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच नोकझोंक भी हुई। विधानसभा में उमेश पाल मर्डर मामले पर बहस के दौरान सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार द्वारा माफियाओं को संरक्षण दिया गया उन्हें विधायक और एमपी बनाया गया। बहस के दौरान सीएम योगी ने कहा कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में हुए उमेश पाल और उनके गनर के मर्डर मामले की चर्चा छेड़ते हुए यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। इसपर सीएम योगी ने सदन को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ सीएम योगी ने बिना नाम लिए सपा पर निशाना साधा।

सीएम योगी ने पूछा कि अपराधी और माफिया किसके पाले हुए हैं? इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। सीएम योगी ने कहना जारी रखा, “प्रयागराज की घटना में जिस माफिया का नाम आ रहा है क्या यह सच नहीं कि समाजवादी पार्टी ने उसे सांसद बनाया था। एक तरफ आप अपराधियों को संरक्षण देंगे उनको माल्यार्पण करेंगे दूसरी तरफ दोषारोपण भी करेंगे। ” सीएम योगी ने आगे कहा कि वह समाजवादी पार्टी द्वारा पोषित माफिया है। हमारी सरकार ने उसकी कमर तोड़ दी है। इन माफियाओं को हम मिट्टी में मिला देंगे।

भाषण के बीच में अखिलेश की टोका-टाकी से नाराज सीएम योगी ने सपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये लोग पेशेवर अपराधियों के सरपरस्त हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है। अपराध के अलावा इन्होंने कुछ सीखा ही नहीं है। सीएम योगी ने मुलायम सिंह के ‘लड़कों से गलती हो जाती हैं’ वाले बयान का जिक्र किया। इस पर अखिलेश ने कहा चिन्मयानंद जिक्र किया और कहा कि शर्म आनी चाहिए। इस पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा, “शर्म तो तुम्हें करनी चाहिए जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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