उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मंत्रियों के बीच बढ़ते तनाव और सरकारी अधिकारियों के प्रस्तावित तबादलों के बीच बुधवार (20 जुलाई, 2022) को कैबिनेट मंत्रियों को अधिकारियों पर आँख मूँदकर भरोसा नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों की ओर इशारा करते हुए ये बात कही है।
दरअसल, राज्य सरकार ने 18 जुलाई को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे का ट्रांसफर कर दिया और भ्रष्टाचार के आरोप में पाँच अन्य अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पांडे के खिलाफ कार्रवाई के बाद पीडब्ल्यूडी प्रमुख और चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता समेत पाँच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
अपने स्टाफ पर आंख मूंद कर भरोसा न करें मंत्री: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज pic.twitter.com/HwbAuA5BPS
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) July 20, 2022
यूपी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का विभाग ट्रांसफर असाइनमेंट में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। उल्लेखनीय है कि जितिन प्रसाद ने कॉन्ग्रेस से भाजपा में शामिल होने के 13 महीने बाद विभाग सँभाला था। खास बात ये कि जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार थे और उनको प्रसाद ने ही चुना था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की बैठक की और इसी दौरान उन्होंने मंत्रियों को अपने अधिकारियों पर आँख मूँदकर भरोसा नहीं करने की सलाह दी। सीएम योगी ने मंत्रियों को अपने अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है। ताकि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से बचा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की कई खबरें सामने आई हैं। पिछले सप्ताह राज्य के 100 से अधिक मेडिकल प्रोफेशनल्स ने सरकारी डॉक्टर के ट्रांसफर आदेशों में कथित गड़बड़ियों को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिखा था। ये गड़बड़ियाँ मर चुके डॉक्टरों के ट्रांसफर, कपल पोस्टिंग के ट्रांसफर का उल्लंघन और ट्रांसफर के एस साल के अंदर दोबारा ट्रांसफर शामिल थे।
योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचार कड़े एक्शन लेती रही है। साल 2018 में तो सीएम योगी ने आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारियों समेत 100 से अधिक दागी फर्स्ट क्लास के अधिकारियों का रिकॉर्ड तलब किया था। 2019 में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए सात प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) अधिकारियों को बर्खास्त करने का फैसला किया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए यूपी सरकार ने 400 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को कड़ी सजा की चेतावनी दी थी। साथ ही करीब 200 कर्मचारियों को जल्दी सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया था। इससे पहले 2019 में भी सरकार ने एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
वहीं अगर वर्तमान मामले को देखें तो पीडब्ल्यूडी विभाग के दो अन्य अधिकारियों पर भी ट्रांसफर में गड़बड़ियों का आरोप है। गौरतलब है कि ओएसडी पांडे यूपीए के शासनकाल के दौरान जब जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री थे तो भी उनकी सर्विस में थे। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर लखनऊ लाया गया था।
दावा ये भी किया गया है कि ओएसडी पांडे के ट्रांसफर से जितिन प्रसाद बिलकुल भी खुश नहीं थे। मंत्री ने इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और आज गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की उम्मीद है।