उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार (7 अप्रैल, 2023) की देर रात लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव को देर रात एक होटल से निकाले जाने की खबर आई थी। तब तेज प्रताप के सहायक मिशान सिन्हा ने वाराणशी के सिगरा थाने में होटल प्रबंधन के खिलाफ दुर्व्यवहार का मामला दर्ज कराया था। अब इस मामले में होटल के मैनेजर का बयान सामने आया है। होटल प्रबंधन ने इस पूरे विवाद की वजह तेज प्रताप को ही बताया है। उन पर होटल का बिल भी न चुकता करने का आरोप है। वहीं पुलिस ने भी होटल मैनेजमेंट द्वारा उठाए गए कदम को नियम के मुताबिक बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिगरा थानाक्षेत्र स्थित आर्केडिया होटल के मैनेजर ने इस पूरे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि तेज प्रताप को पहले ही होटल में चेक इन और चेक आउट की तारिख बता दी गई थी। तब तेज प्रताप यादव को कमरा 6 अप्रैल के लिए बता कर दिया गया था क्योंकि 7 और 8 अप्रैल को उसमें किसी और की बुकिंग पहले से हो रखी थी। होटल प्रबंधन के मुताबिक तेज प्रताप ने अगले दिन कमरा खाली नहीं किया जिस से एडवांस बुकिंग किए गेस्ट होटल में पहुँच कर कई घंटों तक इन्तजार करते रहे।
होटल मैनेजर ने आगे बताया कि तेज प्रताप ने 2 कमरे बुक कराए थे। पहला कमरा खुद उनके लिए और दूसरा उनके सहयोगियों के लिए था। सफाई में बताया गया है कि जिस सामान को निकालने का आरोप तेज प्रताप लगा रहे हैं, वह उनके सहयोगियों के कमरे का था। होटल प्रबंधन ने इस कार्रवाई की बाकायदा रिकॉर्डिंग भी करवाई है। तेज प्रताप यादव पर होटल में कमरे के लिए अपनी ID प्रूफ भी न जमा करने के साथ अभी तक कमरे के बिल का भुगतान न करने का भी आरोप है।
होटल प्रबंधन के मुताबिक, अभी तक तेज प्रताप वाले कमरे को चेकआउट भी नहीं किया गया है। इस पूरे विवाद के बाद अभी तक तेज प्रताप के किसी भी प्रतिनिधि के होटल में न जाने और यहाँ तक की कमरे की चाभी भी अपने ही पास रखने का आरोप है।
होटल प्रबंधन ने नियमों के तहत किया काम
ऑपइंडिया ने इस मामले में वाराणसी पुलिस के एडिशनल कमिश्नर IPS संतोष सिंह से बात की। संतोष सिंह ने हमें बताया, “तेज प्रताप को 12 बजे कमरा खाली करना था लेकिन 4 बजे तक वो होटल में नहीं आए। बाहर से आए पहले से बुकिंग किए कस्टमर काफी देर इंतजार किए और आख़िरकार होटल प्रशासन ने तेज प्रताप के ही सहयोगी के आगे कमरे को खाली करवाया।” इस मामले में किसी कानूनी कार्रवाई के सवाल पर एडिशनल कमिश्नर संतोष सिंह ने कहा कि जब अपराध ही नहीं हुआ तो कार्रवाई किस आधार पर होगी।