देश के नए उप राष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) के लिए संसद भवन में आज (6 अगस्त 2022) सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएँगे। इसके तुरंत बाद वोटों की गिनती की जाएगी। देर शाम तक निर्वाचन अधिकारी देश के नए उप राष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर देंगे।
इस बार मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) के बीच है। आँकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है। विपक्ष की तरफ से मार्गरेट अल्वा चुनाव जरूर लड़ रही हैं, लेकिन धनखड़ ने एक मजबूत लीड बना रखी है।
उप राष्ट्रपति का चुनाव, एनडीए का आँकड़ा
उप राष्ट्रपति के चुनाव में हर सांसद का एक वोट गिना जाता है। लेकिन खेल ये रहता है कि सांसद को अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है। मतलब जो ज्यादा पंसद वो पहले नंबर पर और जो कम वो दूसरे नंबर पर। इसी प्रक्रिया के आधार पर देखें तो एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के खाते में अभी 396 वोट दिख रहे हैं।
उप राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत पड़ती है। मतलब जितने वोटों की जरूरत है, उससे ज्यादा जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के पक्ष में पहले ही जाते दिख रहे हैं। इसी वजह से इस चुनाव में उनकी जीत तय मानी जा रही है। वर्तमान में बीजेपी के लोकसभा में 303 सांसद हैं और राज्यसभा में पार्टी के पास 93 सांसद हैं।
आँकड़ों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर एनडीए के उम्मीदवार के साथ जाने का फैसला कर लिया है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने वाली मायावती ने उप राष्ट्रपति चुनाव में भी जगदीप धनखड़ का समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा जनता दल (यूनाइटेड), वाईएसआर कॉन्ग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, अन्नाद्रमुक और शिवसेना ने धनखड़ का समर्थन करने की घोषणा की है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरे पार्टियों के समर्थन मिलने से एनडीए का कुल आँकड़ा 515 के करीब पहुँच सकता है। वहीं विपक्ष का आँकड़ा 200 के करीब सिमट सकता है।
विपक्ष में बिखराव, TMC ने बिगाड़ा खेल
उप राष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) में आँकड़े पूरी तरह मार्गरेट अल्वा के खिलाफ जाते दिख रहे हैं। इन सब के ऊपर अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो जगदीप धनखड़ की जीत और ज्यादा बड़ी बन सकती है।
विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन देने वालों में आम आदमी पार्टी, टीआरएस, AIMIM और JMM पार्टी शामिल है। विपक्ष का ये समीकरण ममता बनर्जी की वजह से खराब होता दिख रहा है। टीएमसी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग नहीं करने जा रही है। ऐसे में उसके कुल 36 सांसद वोट नहीं डालेंगे और इतने ही वोट अल्वा को कम मिल सकते हैं।
उप राष्ट्रपति चुनाव: वोट, प्रक्रिया, संख्या और जीत
उप राष्ट्रपति का चुनाव देश के लोकतंत्र में काफी मायने रखता है। ये पद कितना अहम है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति को ही सारी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना होता है।
उप राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं। जो सदस्य मनोनीत होते हैं, उन्हें भी वोट डालने का अधिकार रहता है। ऐसे में वोटों की कुल संख्या 788 रहती है। इसमें लोकसभा के 543 वोट रहते हैं और राज्यसभा के 243।
किसी को भी उप राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत पड़ती है। जो भी इस आँकड़े तक पहुँच जाता है, उसकी जीत सुनिश्चित हो जाती है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी भी संदेह या विवाद सामने आने पर संविधान के अनुच्छेद-71 के मुताबिक, फैसले का अधिकार केवल देश की सुप्रीम कोर्ट को है।