महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के वानी शहर में सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के खिलाफ पोस्ट करने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इसके अलावा शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इनकी दुकानों में तोड़फोड़ भी की।
जानकारी के मुताबिक दोनों दुकानदारों ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आँकड़ों को लेकर उद्धव सरकार के खिलाफ पोस्ट लिखा था। बता दें कि कोरोना के कहर से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है और यह संक्रमण रोकने में लगातार विफल नजर आ रही है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का आँकड़ा 50,000 के पार पहुँच गया है। इसको लेकर प्रदेश के लोगों में असंतोष व्याप्त है।
इसी को लेकर वानी ग्रामीण समाचार व्हाट्सएप ग्रुप पर सतीश पिंपेर और फेसबुक पर विवेक पांडे ने उद्धव ठाकरे, शरद पवार और राहुल गाँधी की आलोचना करते हुए पोस्ट अपलोड किया था। हालाँकि, शिवसेना के कार्यकर्ताओं को यह नागवार गुजरा। वो अपने नेताओं के खिलाफ आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर पाए और स्थानीय विधायक विश्वास नांदेकर के नेतृत्व में उनकी दुकान पर गए और जमकर उत्पात मचाया।
शिवसैनिक सबसे पहले सतीश पिंपेर की नंदपेरा मार्ग स्थित रासवंती की दुकान पर पहुँचे और तोड़फोड़ की। इसके बाद वो लोग जटाशंकर चौक की तरफ गए, जहाँ उन्होंने विकास पांडे की मोबाइल फोन की दुकान में तोड़फोड़ की।
This is real intolerance!😡
— आलू बोंडा (@ek_aalu_bonda) May 26, 2020
this was done by radasainiks of BEST CM’s party just for a Fb & WA post in yavatmal!!
cc @priyankac19 @OfficeofUT pic.twitter.com/zGHY2i9gXt
घटना मंगलवार (मई 26, 2020) की है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में शिवसेना के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे कुछ पुलिस की मौजूदगी में दुकान में घुसे। इसके बुाद उन्हें दुकान में तोड़-फोड़ करते और उपद्रव मचाते हुए देखा जा सकता है।
दुकान के बाद का दृश्य बेहद ही बर्बरतापूर्ण दृश्य देखा जा सकता है। कथित रूप से शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं को तोड़ने के लिए कूलर फेंकते हुए भी देखा जा सकता है।
वैसे ये पहली बार नहीं है, जब फेसबुक पर उद्धव सरकार के खिलाफ पोस्ट किए जाने पर उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया हो। इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता राहुल तिवारी को शिव सैनिकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करने वाले पोस्ट के लिए पीटा था। इतनी ही नहीं, उनका सिर भी मुंडवा दिया गया था।
और तो और आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के गुंडों के बचाव में उत्तर आए थे। आदित्य ने पीड़ित राहुल तिवारी को ओछा और नीच ट्रोल करार दिया था। आदित्य ने अपने बयान में कहा था कि राहुल ने मुख्यमंत्री उद्धव के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया, जबकि वो सीएए से उपजे असंतोष के बीच राज्य में शांति-व्यवस्था कायम करने में लगे हुए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की गुंडई को गुस्से में दी गई त्वरित प्रतिक्रिया बताया। आदित्य ने साथ ही बिना नाम लिए कहा कि राहुल जैसे धमकीबाज और गालीबाज लोगों को जवाब देना हमारा काम नहीं होना चाहिए।