पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले के कलना में शुक्रवार (अक्टूबर 09, 2020) को BJP बूथ अध्यक्ष ने तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के एक कार्यकर्ता बापन घोष पर उनकी पत्नी के साथ बलात्कार करने की कोशिश का आरोप लगाया है। एबीपी आनंदा की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना ने अब दोनों दलों- TMC और BJP के बीच राजनीतिक गतिरोध पैदा कर दिया है।
एक तरफ जहाँ BJP ने टीएमसी नेता पर एक महिला के बलात्कार की कोशिश का आरोप लगाया, वहीं टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए BJP समर्थकों द्वारा आरोपित बापन घोष को बेरहमी से पीटने का दोषी ठहराया है।
एबीपी आनंदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित टीएमसी कार्यकर्ता बापन घोष उस समय पीड़िता के घर गया था, जब उनके पति घर पर नहीं थे। इसी बात का फायदा उठाते हुए वह उसका यौन उत्पीड़न करने लगा। पीड़िता के चीखने-चिल्लाने पर स्थानीय लोगों ने उनका बचाव किया, साथ ही लोगों ने आरोपित TMC कार्यकर्ता बापन की लगे हाथ पिटाई भी की। भाजपा ने दावा किया है कि बापन घोष ने भी जवाबी कार्रवाई में हिंसा का सहारा लिया।
भाजपा ने आगे आरोप लगाया है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी बूथ उपाध्यक्ष के इशारे पर पीड़ित के घर और आसपास के अन्य घरों में तोड़फोड़ भी की थी। आरोपित का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों पक्षों द्वारा कलना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है।
बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने एबीपी आनंदा से बात करते हुए बताया, “शुक्रवार की रात लगभग 9- 9:30 बजे टीएमसी कार्यकर्ता हमारे बूथ अध्यक्ष के घर गया। फिर उसने उनकी पत्नी को बुलाया, जानी पहचानी आवाज सुनकर वह घर से बाहर निकाल। तभी टीएमसी कार्यकर्ता ने उनका यौन उत्पीड़न शुरू कर दिया। इसके बाद आरोपित को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया। यह संभव है कि स्थानीय लोगों ने उसे उसकी हरकतों पर पीटा होगा (जिसने उसे जघन्य अपराध करते हुए रंगे हाथों पकड़ा हो)।”
उन्होंने आगे कहा, “लगभग उसी समय टीएमसी उपाध्यक्ष ने कई वाहनों में टीएमसी कार्यकर्ताओं को लेकर आने के लिए कहा। उन लोगों ने तब न केवल भाजपा बूथ अध्यक्ष के घर बल्कि आसपास के तीन अन्य घरों में भी तोड़फोड़ की और सड़कों पर हाथापाई की।”
टीएमसी कार्यकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए, टीएमसी बूथ उपाध्यक्ष ने कहा, “वास्तव में, हमारा कार्यकर्ता बापन घोष कलाना के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है।”
पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा
गौरतलब है कि ममता बनर्जी और टीएमसी के सत्ता में आने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा बढ़ रही है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हिंसा और उनकी हत्या पश्चिम बंगाल में आम हो चुकी हैं। हालही में बैरकपुर इलाके के टीटागढ़ थाने के पास पुरानी बाजार में एक भाजपा पार्षद मनीष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के अपराध में पश्चिम बंगाल अपराध जाँच विभाग ने मोहम्मद खुर्रम, गुलाब शेख और टीएमसी के कार्यकर्ता सुबोध जाधव नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
इससे पहले राबिन पॉल नाम के एक भाजपा कार्यकर्ता को कलना के पथार घाटा गाँव में मौत के घाट उतार दिया गया था। भाजपा कार्यकर्ता को पहले लगभग 50 टीएमसी समर्थकों ने बेरहमी से पीटा और फिर उसे दूसरी जगह ले जा कर टीएमसी के उप प्रमुख द्वारा भी पीटा गया था।