महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच अब शिवसेना के तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं। शिवसेना मुखपत्र सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन कर रही है और आखिरी तक करेगी। महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आशंका जताई थी कि अगर शिवसेना के यही तेवर रहे तो फिर राज्य राष्ट्रपति शासन की तरफ जा सकता है। वहीं शिवसेना ने सामना के माध्यम से उनके इस बयान पर कटाक्ष किया था और भाजपा की ख़ासी आलोचना की थी। शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा जाँच एजेंसियों द्वारा जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश कर रही है, जो फेल हो गई।
वहीं अब शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अभी तक दोनों दलों के बीच औपचारिक बातचीत शुरू भी नहीं हुई है। संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने गठबंधन में रह कर ही चुनाव लड़ा था और आखिरी समय तक वो गठबंधन धर्म का पालन करेंगे। उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता हुसैन दलवई के उस क़दम का भी स्वागत किया, जिसमें उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिख कर शिवसेना को समर्थन देने की माँग की है। राउत ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति के बारे में बोलते हुए कहा कि हर कोई एक-दूसरे से बात कर रहा है लेकिन भाजपा और शिवसेना बातचीत नहीं कर रही।
राउत ने उन आरोपों से भी इनकार किया, जिनमें कहा जा रहा था कि शिवसेना ने गठबंधन सरकार को लेकर चल रही बातचीत पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि जब बातचीत शुरू ही नहीं हुई तो इसे रोकने का तो सवाल ही नहीं उठता है। गुरुवार (अक्टूबर 31, 2019) को राउत ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत की थी। अब पवार ने एक बार फिर शिवसेना को झटका देते हुए कहा है कि वो विपक्ष में बैठेंगे। नासिक में एनसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष ने कहा कि चूँकि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश प्राप्त हुआ है, इसीलिए उनकी पार्टी सरकार गठन की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगी।
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— लोकमत न्यूज़ (@LokmatNewsHindi) November 2, 2019
शरद पवार ने मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना और भाजपा में चल रहे गतिरोध को बचकाना करार दिया। राजग गठबंधन में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने भाजपा का समर्थन किया है। पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सीएम भाजपा का ही होना चाहिए। अठावले ने राज्यपाल से मुलाक़ात कर सबसे बड़ी पार्टी यानी भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने की माँग की है। इससे पहले शिवसेना ने कहा था कि भाजपा नेता समझते हैं कि राष्ट्रपति उनकी मुट्ठी में हैं और राष्ट्रपति का स्टाम्प भाजपा कार्यालय में रखा हुआ है।
दोनों दलों के बीच कार्टून वॉर भी छिड़ गया है। भाजपा ने शिवसेना के कार्टून का जवाब देते हुए एक और कार्टून जारी किया। भाजपा ने कहा कि अगर शिवसेना बाघ है तो फडणवीस सर्कस में बाघों को नियंत्रण में रखने वाले रिंगमास्टर हैं। इससे पहले शिवसेना ने एक कार्टून में दिखाया था कि बाघ अपने पंजे में कमल का फूल थामे हुआ है। भाजपा ने इसके जवाब में एक कार्टून जारी किया था, जिसमें उद्धव क़द में अपने से काफ़ी विशाल फडणवीस को कह रहे हैं कि उन्हें बड़ा भाई पुकारा जाए।