Sunday, November 17, 2024
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बंगाल में घर के बाहर खड़े बीजेपी कार्यकर्ता मिथुन घोष को हमलावरों ने मारी गोली, पार्टी ने कहा- ‘TMC के कासिम अली ने की हत्या’

“उत्तर दिनाजपुर जिला भाजयुमो के वीपी। मिथुन घोष की इटहार में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह टीएमसी की करतूत है। खून के प्यासे असामाजिक शिकारी कुत्तों ने अपने मालिक के आदेश को अंजाम दिया है। वक्त आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ”

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा कोई नई बात नहीं है। राज्य लंबे समय से इस तरह की हिंसा का शिकार रहा है। इसी क्रम में 17 अक्टूबर रविवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के इटहार के रहने वाले युवा भाजपा नेता मिथुन घोष की उनके गाँव राजग्राम में उनके घर के बाहर ही उनकी हत्या कर दी गई। घोष जब अपने घर के बाहर खड़े थे तो मोटरसाइकिल सवार दो हत्यारों ने उन्हें गोली मार दी थी। बीजेपी ने हमले के पीछे टीएमसी के गुंडों का हाथ होने का आरोप लगाया है।

इस हत्या की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पार्टी मिथुन घोष की हत्या को नहीं भूलेगी। उन्होंने ट्वीट किया, “उत्तर दिनाजपुर जिला भाजयुमो के वीपी। मिथुन घोष की इटहार में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह टीएमसी की करतूत है। खून के प्यासे असामाजिक शिकारी कुत्तों ने अपने मालिक के आदेश को अंजाम दिया है। वक्त आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार रात करीब 11 बजे जब यह घटना हुई तो उस दौरान घोष राजग्राम गाँव में अपने घर के सामने खड़े थे। दो बाइक सवार हमलावरों ने उनकी बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी। घोष को गंभीर हालत में रायगंज मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने खुलासा किया कि उसके पेट में कई गोलियाँ मारी गई थीं।

मृतक के भाई अजीत घोष ने कथित तौर पर सुकुमार घोष और संतोष महतो को अपने भाई का हत्यारा बताया है। उसने पुलिस को बताया था कि मिथुन घोष ने उसे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में इनके नाम बताए थे।

मिथुन घोष को गोली मारे जाने की जानकारी मिलते ही पहुँचे भाजपा राज्य समिति के सदस्य प्रदीप सरकार ने कहा कि टीएमसी समर्थित गुंडे कासिम अली ने भाजपा युवा सदस्य को गोली मार दी। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि घोष पर पहले भी एक बार हमला किया गया था।

हालाँकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू किए जाने की बात कही है। लेकिन मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि किस तरह से टीएमसी के गुंडों ने राज्य में राजनीतिक हिंसाएँ की थीं। ये हिंसाएँ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में परिणाम घोषित होने के बाद आश्चर्यजनक रूप से कई गुना बढ़ गई थीं। भाजपा कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या के अलावा टीएमसी के गुंडों ने कथित तौर पर विभिन्न स्थानों पर भाजपा के पार्टी कार्यालयों को भी जलाकर राख कर दिया। इन हमलों के कारण राज्य के कई भाजपा का समर्थन करने वाले परिवारों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। भाजपा ने आरोप लगाया है कि 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं की संख्या दो दर्जन से अधिक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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