प्रेस क्लब, कोलकाता की प्लैटिनम जुबली के उपलक्ष्य में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों को ‘जॉब गारंटी’ स्कीम देने का वादा किया। साथ ही 69 पत्रकारों की सूची भी जारी की जिन्हें राज्य सरकार द्वारा ₹2,500 मासिक दिए जाएंगे। सरकार ने पहले 30 की सूची दिसंबर, 2018 में ही जारी कर दी थी। इसके अलावा उन्होंने ₹1,00,001 भी प्रेस क्लब को चंदा दिया और प्रेस क्लब को कुल 13.5 कोटा ज़मीन भी आवंटित की। ₹1,00,000 का अतिरिक्त दान शर्मिष्ठा हज़रा के लिए उन्होंने किया, जिसके पत्रकार पति अर्णब हज़रा ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली थी।
पहले हमले रोकिए
एक तरफ़ ममता बनर्जी ने यह रेवड़ियाँ बाँटीं और दूसरी ओर हफ्ते भर के भीतर पत्रकार के घर पर बम से हमले की एक और घटना सामने आई है। ABP आनंदार के बीरभूम संवाददाता गोपाल चट्टोपाध्याय के घर पर बमों से हमला किया गया। हमले के वक़्त गोपाल चट्टोपाध्याय और उनकी पत्नी घर पर नहीं थे।
बीरभूम के SP संजय सिंह ने मौके पर पहुँच कर जाँच शुरू कर दी है। गोपाल को पिछले कुछ दिनों से अवैध बालू माफ़िया और जमाखोरी के खिलाफ रिपोर्ट लिखने को लेकर धमकी मिल रही थी।
जान है तो जहान है
ममता बनर्जी ने कहावत सुनी होगी कि जान है तो जहान है। अगर ईमानदारी से काम करने वाला पत्रकार ज़िंदा ही नहीं बचेगा तो ममता बनर्जी बताएँ कि उनकी ऐसी पेंशन किस काम की है? रेवड़ियों वाली ‘सोशल सिक्योरिटी’ से बेहतर है ममता बनर्जी पत्रकारों को असली सिक्योरिटी दिलाने के बारे में सोचें।