पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो भीड़ को संबोधित करती दिख रही हैं। बताया जा रहा है कि ये वीडियो मंगलवार (3 मई, 2022) को ईद के मौके का है। इस दौरान उन्होंने ‘काफिर’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “उन्हें वो करने दो जो वो करना चाहते हैं। हम डरे नहीं हैं। हम डरपोक नहीं हैं। हम ‘काफिर’ नहीं हैं। हमें पता है कि लड़ते कैसे हैं। हम लड़ना जानते हैं। हम उनके खिलाफ लड़ेंगे। उन्हें खत्म कर देंगे।”
#WATCH | West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee addresses people at Red Road in Kolkata on the occasion of #EidUlFitr
— ANI (@ANI) May 3, 2022
“Good days will come…we are not scared, we know how to fight,” says Mamata Banerjee pic.twitter.com/t09QLyOGZG
ममता बनर्जी का ये वीडियो वायरल हुआ तो लोगों को इस पर विश्वास ही नहीं हुआ। नेटिजन्स ने एक मौजूदा मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह से पब्लिक में संबोधन पर चिंता व्यक्त की। ममता के इस भाषण के दौरान जो सबसे आकर्षित करने वाली बात रही वो ये थी कि सामान्य तौर पर बांग्ला में बात करने वाली पश्चिम बंगाल की सीएम ने ये भाषण हिंदी में दिया। उनके इस बयान से ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि वो कथित तौर पर हिंदू भाषियों या फिर बंगाली नहीं बोलने वालों को एक मैसेज देना चाहती थीं।
इस पर स्वराज्य पत्रिका के लेखक सतीश विश्वनाथन ने ट्वीट किया, “एक मौजूदा मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच पर ‘हम काफिर नहीं है’ कहती हैं। सदियों से इस अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल हिंदुओं को अमानवीय बनाने और उनके खिलाफ हिंसा को सही ठहराने के लिए किया जाता रहा है। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को नॉर्मलाइज करने के मामले में ओवरटन विंडो में बदल दिया गया है।”
A sitting CM says “Hum Kafir nahin hai” on a public platform. For centuries, the pejorative has been used to dehumanize Hindus and justify violence against the community.
— Satish Viswanathan (@satishv1987) May 3, 2022
The Overton window has definitely shifted with regards to normalization of violence against Hindus. https://t.co/TWalOFi6JO
वहीं ट्विटर यूजर Agnijwala ने कहा, ‘हिंदी में भाषण…किसे लुभाने के लिए? फिर भी लगातार गैर-बंगालियों पर हमले किए जाएँगें और उन्हें दूसरे राज्यों से लाए गए गुंडे कहेंगे। हमें @BanglaPokkho द्वारा इसे संशोधित किए जाने का इंतजार है हम काफिर नहीं हैं।”
Speech in Hindi..to woo whom?
— ঘোররূপা (@_Agnijwala_) May 3, 2022
But will constantly attack obangalis & call them goons brought from neighbouring states. She literally said “Hum kafir nahi hai”.. waiting for @BanglaPokkho to rephrase & say that she meant “Hum musafir nehi hai “. Banglar meye 🤡🤲
Cc @Gaudadhipati
इसी तरह से ममता के स्पीच पर एक अन्य ट्विटर यूजर मिस्टर सिन्हा ने कहा, “हम काफिर नहीं हैं, हम काफिर नहीं हैं, हम उनके खिलाफ लड़ेंगे, हम उन्हें खत्म कर देंगे” – ममता बनर्जी। जिन लोगों को नहीं पता उनके लिए, ‘काफिर’ कट्टरपंथी इस्लामियों द्वारा हिंदुओं को दी जाने वाली गाली है। इनकी किताब कहती है कि काफिरों को जीने का हक नहीं है।”
“We aren’t coward, we aren’t Kafirs, we will fight against them, we will finish them” – Mamata Banerjee
— Mr Sinha (@MrSinha_) May 3, 2022
Those who don’t know “Kafir” is a slur used by radical I$Iamists against Hindus.. Their book says Kafirs don’t deserve to live.. pic.twitter.com/QDtMwU4pfe
शिवानी सहाय नाम की यूजर सवाल करती हैं कि आखिर वो हिंदी में क्यों बोल रही हैं। शिवानी लिखती हैं, “वो बंगाली क्यों नहीं बोल रही हैं? वह क्यों कह रही हैं ‘हम काफिर नहीं है’? उन्हें हमारी ओर से सभी काफिरों की ओर से किसी पुस्तक के लोगों की तरफ से ये कहने की कोई जरूरत नहीं है। हिंसक और कट्टरपंथी क्षेत्रों हिंसक कट्टरपंथी इलाकों में उनका झुकना पश्चिम बंगाल के लिए सही नहीं है।”
Why she is not speaking Bengali? Why she is saying “hum kafir nahi hain” (we are not infidels)? She need not say this on behalf of all the infidel, people not of any book, on our behalf. Her kowtowing to violent radicalized constituencies does not bode well for West Bengal. https://t.co/LenIwU4vr8
— Shivani Sahay (@Savitri4Ever) May 3, 2022
इस बीच कुछ लोगों ने ये भी माना कि आखिरकार आखिरकार ममता बनर्जी अपना असली मजहब दिखा रही हैं। भार्गवी ने कहा, “आखिरकार ममता बनर्जी ने अपने असली धर्म को सबके सामने रख ही दिया। भाषण में वह खुदा, अमन आदि की बातें करते हुए कह रही हैं कि ‘हम काफिर नहीं हैं’। और बंगाली हिंदू बीजेपी को कोसने में लगे हैं!”
Finally @MamataOfficial declares her true religion.. in the speech she is praising Khuda, Aman etc n saying “Hum Kafir Nahi Hain”. N Bengali Hindus are busy bashing BJP! https://t.co/O1em2Ag3UA
— Bhargavi.. (@smna17) May 3, 2022
अधिक बर्मन नाम के यूजर ने कहा, “हम डरते नहीं हैं, हम काफिर नहीं है ? इस तरह से हिंदुओं के खिलाफ नफरत और दुर्व्यवहार को मानवता विरोधीस इस्लामवादी और ब्राम्हण विरोधी फासीवादी ताकतों को मुख्यधारा में लाया जा रहा है.. बंगाली लोगों? जागो .. तुम लोगों की पसंद को क्या हो गया है। हिंदुओं के खिलाफ इतनी नफरत से बीमार।”
Hum darte nhi hai,Hum Kafir nhi hai?? This is how Hatred and Abuse against hindus is being Mainstreamed by Anti humanitarian evil islamist and Abhrahmic fascist forces..
— Adhik Burman (@AdhikBurman) May 3, 2022
Bengali people? Wake up.. What’s wrong with your choice..
Sick of so much hatred against hindus.. https://t.co/G59jb7mxk0
इस मामले में राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने कहा, “हम काफिर नहीं हैं- क्या ममता ने सच में ऐसा कहा था? काफिर कौन नहीं है? क्या अब ममता काफिर नहीं हैं?”
‘We aren’t Kafirs’ – Did Mamata really say that? Who is not a kafir? Mamata is not a kafir anymore? https://t.co/7JLeYHLoFS
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) May 3, 2022
वहीं कुछ लोगों ने याद दिलाया कि ममता बनर्जी अक्सर शब्दों का उच्चारण ऐसे करती हैं जिन्हें समझना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में उन्होंने क्या कहा इसे लेकर शत-प्रतिशत निश्चित होना मुश्किल है। ‘कूलफनीशर्ट नाम के यूजर ने कहा, “क्या सही में उन्होंने ऐसा कहा था। वैसे तो उनके शब्दों के उच्चारण की बड़ी समस्या रही है।…हर भाषा में।”
did she actually say that? uska pronunciation ka legendary problem hai waise.. in every language..
— Keh Ke Peheno 🆒😆👕 (@coolfunnytshirt) May 3, 2022
हालाँकि, अभी तक ये पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है कि ममता बनर्जी ने अपने भाषण में क्या कहा था। लेकिन, ये नहीं भूलना चाहिए कि विवादित बयान देने का उनका एक इतिहास रहा है। वो चुनावों के दौरान अक्सर ‘खेला होबे‘ की नारेबाजी करती थीं। उनके ऐसे इतिहास को देखें तो इस बात पर किसी को भी आश्चर्यचकित होने की आवश्यकता नहीं है कि उन्होंने ‘काफिर‘ शब्द का इस्तेमाल किया हो।