पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में गुरुवार (30 जुलाई, 2020) को भाजपा बूथ सचिव गौतम पात्र का शव पेड़ से लटका मिला है। बीते 24 घंटे के भीतर बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं के शव पेड़ से लटके मिले हैं। इससे पहले पूर्वी मिदनापुर जिले के कछुरी गाँव में बीजेपी कार्यकर्ता पूर्णचंद्र दास का शव पेड़ से लटका मिला था।
पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और उन पर ज्यादती बंद नहीं हो रही। आज फिर मथुरापुर लोकसभा की सागर विधानसभा क्षेत्र के बूथ सचिव श्री गौतम पात्रा जी की फांसी पर लटकाकर हत्या कर दी गई।#DemocracyKillerMamata pic.twitter.com/Yv0wsRcV55
— John Barla (@johnbarlabjp) July 30, 2020
मृतक के परिजनों व बीजेपी पार्टी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस पर हत्या का आरोप लगाया है। बंगाल बीजेपी ने ट्वीट करके ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “24 घंटे के भीतर बंगाल में एक और बीजेपी के कार्यकर्ता की राजनीति द्वेष के कारण हत्या कर दी गई। मथुरापुर में बूथ सचिव गौतम पात्र को भी बुरी तरह हत्या कर पेड़ से लटका दिया गया था। इस तरह राजनीतिक हत्याएँ राज्य की मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी है उनके कार्यालय में बहुत ही आम हो चुकी है। परन्तु वह अब इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकती हैं।”
In less than 24 hours, another BJP worker killed in Bengal. Gautam Patra, Booth Secretary of Mathurapur, found hanging in the most gruesome manner. These kind of political killings have become all too common under home minister Mamata Banerjee’s. She can’t escape accountability. pic.twitter.com/52lkHpjA2Z
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) July 30, 2020
गौरतलब है कि पूर्णचंद्र दास के पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक उनसे टीएमसी में शामिल होने के लिए कहा जा रहा था लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव से मना कर दिया। इसके बाद टीएमसी के लोग उन पर लगातार दबाव बना रहे थे।
दास के परिजनों के अलावा स्थानीय भाजपा नेता अनूप चक्रवर्ती ने भी इस मामले पर टीएमसी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, “हमें पूरा यकीन है कि इसमे टीएमसी का हाथ है। उनकी पहले हत्या की गई और बाद में उनका शव फंदे पर लटका दिया गया ताकि ये आत्महत्या लगे।”
वहीं, टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया था। टीएमसी के अखिल गिरी कहा कि, “हमारी पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। ऐसा लगता है अवसाद के कारण उन्होंने आत्महत्या की। दास और उनके पड़ोसी के बीच कई समय से एक कानूनी झगड़ा चल रहा था। भाजपा सिर्फ इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है।”
उल्लेखनीय है कि बंगाल में राजनीति से जुड़े लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों की मौत की कई घटना पिछले कुछ समय में सामने आई है। खासकर बीजेपी से जुड़े लोगों की। अभी कुछ दिन पहले सुदर्शनपुर के रायगंज में हेमताबाद के भाजपा विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय का मृत शरीर एक फंदे से झूलता मिला था।
रॉय के परिजनों ने पूछताछ में बताया था कि रात के 1 बजे कुछ युवक उन्हें बुलाने आए थे। इसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। अगले दिन सुबह कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें फंदे से झूलता हुआ पाया। पुलिस ने बताया था कि विधायक का मृत शरीर बंद चाय की एक दुकान के सामने झूल रहा था।