पश्चिम बंगाल की विधानसभा ने भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया है। सदन में 220 सीटों के साथ तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) बहुमत में है। सोमवार (20 जून, 2022) को ये प्रस्ताव पारित किया गया। नूपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता के पद पर थीं, लेकिन पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के आरोप के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। संसदीय मामलों के मंत्री पार्था चटर्जी ने इस प्रस्ताव को टेबल पर रखा।
वो ‘मेंशन ऑवर’ के दौरान इस प्रस्ताव को लेकर आए। ये एक अनशेड्यूल्ड मोशन था और इसमें किसी और का नाम नहीं था। विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वो ‘कुछ नेताओं’ द्वारा दिए गए बयानों की निंदा करती हैं। उन्होंने इन बयानों को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य कायम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा करार दिया। इस दौरान विपक्षी दल भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया।
इस दौरान भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। बता दें कि TMC नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की भी माँग कर चुकी है। पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ मामला भी एक TMC ने ही दर्ज कराया है। कोलकाता पुलिस ने उन्हें पेश होने के लिए भी कहा है, लेकिन महिला नेता ने जवाब देने के लिए 4 हफ़्तों का समय माँगा है। पश्चिम बंगाल में नूपुर शर्मा के विरोध में भयंकर दंगे भी हुए। सीएम ममता ने दंगाइयों को यूपी-गुजरात और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की सलाह दी थी।
#NupurSharma के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पासhttps://t.co/7lSqRaDO2q
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) June 20, 2022
याद दिलाते चलें कि एक मौलवी ने इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कहा था, “हम ममता बनर्जी को याद दिलाना चाहते हैं कि आप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मुस्लिमों के दिए गए भीख के कारण बैठी हैं। मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक ने आपको बचाया, वरना याद कीजिए कैसे शुभेंदु अधिकारी ने आपके राजनीतिक अभियान का अंत कर दिया था। ये CM का अपमान नहीं, वास्तविकता का वर्णन है। जब सबके पास अभिव्यक्ति की आज़ादी है तो मस्जिद के इमाम के पास क्यों नहीं?