तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ उनके पूर्व पाटर्नर जय अनंत देहाद्राई ने पिछले दिनों सीबीआई से शिकायत की थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील देहाद्राई ने इसमें लोकसभा की निष्कासित सांसद मोइत्रा पर खुद की जासूसी का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि अपने प्रभाव और पश्चिम बंगाल पुलिस का दुरुपयोग करते हुए मोइत्रा ने अपने पूर्व बॉयफ्रेंड सुहान मुखर्जी और उनकी जर्मन महिला मित्र हेलेना लेर्श (Helena Lersch) की भी जासूसी करवाई थी।
देहाद्राई का दावा है कि इस जासूसी के किस्से सुनाकर महुआ मोइत्रा उन्हें भी धमकाती रहती थी। इस शिकायत में देहाद्राई ने तीन लोगों का जिक्र किया है। इनमें से एक कारवाँ पत्रिका के संपादक और एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष अनंत नाथ, दूसरे कथित तौर पर महुआ मोइत्रा के बॉयफ्रेंड रह चुके वकील सुहान मुखर्जी और जर्मन महिला हेलेना लेर्श हैं। हेलेना चीनी कंपनी बाइटडांस (ByteDance) से जुड़ी थीं। टिकटॉक ‘TikTok’ एप इसी कंपनी का है।
कौन हैं महुआ मोइत्रा के बॉयफ्रेंड रहे सुहान मुखर्जी
वकील देहाद्राई ने अपनी शिकायत में बताया है कि टीएमसी नेता 2019 में सुहान मुखर्जी की निगरानी करवा रहीं थी। उन्होंने कहा है, “मोइत्रा ने मुझे कई मौकों पर मौखिक रूप से और 26 सितंबर 2019 को व्हाट्सएप्प मैसेज के जरिए बताया था कि वह अपने एक्स ब्वॉय फ्रेंड सुहान मुखर्जी पर सक्रिय तौर से नजर रख रही थी। उसे जर्मन महिला हेलेना लेर्शके साथ सुहान का रिश्ता होने का शक था।”
जय अनंत देहाद्राई का कहना है कि मोइत्रा ने बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मदद से सुहान मुखर्जी के फोन के पूरे कॉल रिकॉर्ड हासिल कर लिए थे। उन्हें उन लोगों के बारे में सटीक जानकारी थी जो सुहान मुखर्जी के संपर्क में थे। साथ ही मुखर्जी की हर गतिविधि के बारे में भी उन्हें पता रहता था।
महुआ मोइत्रा पर जिस सुहान मुखर्जी की निगरानी करवाने का आरोप लगा है वे कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं। वे पीएलआर चैंबर्स के फाउंडर पाटर्नर हैं। यह फर्म जो भारत की सार्वजनिक नीति और नियामक मामलों में महारत रखती है। बकौल लॉ एशिया सुहान के पास संकट प्रबंधन, नीति निर्माण, विधायी एजेंडा का मसौदा तैयार करने का अच्छा-खासा अनुभव है।
उन्होंने केंद्र और राज्य स्तर पर नीति और विधायी सुधारों पर सरकार के सलाहकार तौर पर भी काम किया है। मुखर्जी की केंद्र और राज्य स्तरीय पॉलिटिकल सर्कल में अच्छा खासा संपर्क है। उनके साथ महुआ के संपर्क का खुलासा मई 2023 में हुआ था। तब श्रवण कुमार यादव ने महुआ के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। उन्होंने इसमें महुआ के 2019 के चुनावी हलफनामे में विलेरविले फाइनेंशियल एडवाइजर्स लिमिटेड में अपने 4,900 शेयरों का खुलासा न करने का आरोप लगाया था। इस शिकायत से ही सामने आया कि महुआ जनवरी 2010 से मार्च 2016 तक इसकी निदेशक थीं।
सुहान मुखर्जी 14 जुलाई 2009 से विलेरविले फाइनेंशियल एडवाइजर्स लिमिटेड के निदेशक रहे थे। यही नहीं सुहान के पिता मशहूर चित्रकार स्वरूप मुखर्जी भी इस कंपनी में निदेशक हैं। यही नहीं सुहान 2002 से अमरचंद और मंगलदास और सुरेश ए श्रॉफ एंड कंपनी (एएमएसएस) से भी जुड़े हुए हैं। इससे पहले वो विश्व बैंक में विश्लेषक रहे थे।
महुआ मोइत्रा ने 2010 में कॉन्ग्रेस को अलविदा कह टीएमसी का दामन थामा लिया और इसी साल वह विलेरविले निदेशक बनी। वहीं मई 2012 में सुहान को सार्वजनिक सूचना अवसंरचना और नवाचार (PIII) में भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार कार्यालय में सैम पित्रोदा के सलाहकार के तौर पर नियुक्ति मिली।
Adv Suhaan Mukerji: I am the standing counsel for the state. the department of health is the custodian of all death records.
— Bar & Bench (@barandbench) July 27, 2021
Justice Bose: we are not concerned with numbers but how the figures compare to other states. how you manage it through administration is not our concern
यही वजह रही कि जून 2013 में सुहान ने पीएमओ में अपने सलाहकार के पद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एएमएसएस की जॉब छोड़ दी। इसके कुछ महीने बाद ही नवंबर 2013 में उन्होंने नीति, कानून और विनियमन चैंबर्स (पीएलआर) की स्थापना की। इस दौरान वो पीएमओ में पित्रोदा के कार्यालय के विशेषज्ञ सलाहकार बने रहे।
लीगली इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलआर चैंबर्स की स्थापना ग्राहकों और गैर सरकारी संगठनों को कानूनी, सार्वजनिक नीति और वैध लॉबिंग सेवाएँ देने के लिए की गई थी। ये सब पीएमओ में रहते ही सुहान ने शुरू किया। मोइत्रा ने मार्च 2016 तक सुहान की कंपनी के निदेशक के तौर पर काम किया था। मई 2016 में मोइत्रा ने अपने चुनाव खर्चों की जानकारी में सुहान का उनके चुनाव एजेंट के तौर पर जिक्र किया था।
भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक हर उम्मीदवार एक चुनाव एजेंट नियुक्त करने का हकदार है। ये चुनाव एजेंट उम्मीदवारों के चुनाव खर्च का खाता बनाने जैसे कई अहम काम करते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो मोइत्रा के लिए सुहान एक भरोसेमंद शख्स थे।
हालाँकि देहाद्राई की शिकायत में मोइत्रा और सुहान के बीच मतभेद की बात भी है। इसके बाद भी सुहान ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के लिए काम करना जारी रखा। उन्होंने पश्चिम बंगाल के स्टैंडिंग काउंसिल के रूप में कार्य किया और कोयला घोटाले में अभिषेक बनर्जी की पैरवी की।
कैसे हुई हेलेना लेर्श की एंट्री
हेलेना लेर्श जुलाई 2021 से चीनी कंपनी बाइट डांस में पब्लिक पॉलिसी इमर्जिंग मार्केट्स की उपाध्यक्ष और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी की ग्लोबल हेड हैं। इससे पहले वह अक्टूबर 2018 से अगस्त 2021 तक बाइटडांस में ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी की निदेशक थीं। लेर्श इंस्टाग्राम और गूगल जैसे तकनीकी दिग्गजों के साथ काम भी कर चुकी हैं। इसी वक्त मोइत्रा ने कथित तौर पर लेर्श और सुहान की निगरानी कर उनके बीच अफेयर का दावा किया था।
(यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में अनुराग ने लिखी है। इस लिंक पर क्लिक कर आप विस्तार से इसे पढ़ सकते हैं। इसका हिंदी में भावानुवाद रचना वर्मा ने किया है)