Sunday, December 22, 2024
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शोपियाँ मुठभेड़ में मारे गए 2 आतंकी: ‘क्या इसके लिए भी सैनिकों को EC की अनुमति लेनी होगी?’

लश्कर-ए तैयबा के ये दोनों ही आतंकी वॉन्टेड की सूची में थे। दोनों ही आतंकियों की पहचान बशारत अहमद और तारिक अहमद के रूप में हुई है। बशारत अहमद निकलूरा और तारिक खारीपोरा का रहने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक रैली के दौरान पुछा कि क्या अब हमारे जवान आतंकियों को मार गिराने से पहले चुनाव आयोग से परमिशन लेने जाएँगे? चुनाव के अंतिम चरण के लिए कुशीनगर में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि आज जब मतदान चल रहा है, तो सैनिकों ने आतंकियों को क्यों मारा? पीएम मोदी आज रविवार (मई 12, 2019) को जम्मू कश्मीर के शोपियाँ में आतंकियों व जवानों के बीच हुई मुठभेड़ को लेकर बोल रहे थे।

बता दें कि आज जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ ज़िले में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। सेना की तरफ से इसकी पुष्टि की गई। एक सैन्य अधिकारी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षा बलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ ज़िले के हिन्दसीतापुर इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद इलाक़े की घेराबंदी की गई और तलाशी अभियान चलाया गया। मारे गए दोनों आतंकी कई हमलों में शामिल रहे हैं। लश्कर-ए तैयबा के ये दोनों ही आतंकी वॉन्टेड की सूची में थे। दोनों ही आतंकियों की पहचान बशारत अहमद और तारिक अहमद के रूप में हुई है। बशारत अहमद निकलूरा और तारिक खारीपोरा का रहने वाला है।

तारिक के बारे में कहा जा रहा है कि वह पहले एसपीओ था और बाद में सर्विस राइफल के साथ फ़रार हो गया था। उसके बाद उसके आतंकी बनने की ख़बर आई थी। इस मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में मोबाइल सेवा ठप्प कर दी गई है। वहीं आज छठे चरण का मतदान भी चल रहा है, जिसमें दिल्ली की सातों सीटें शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों घटनाओं को जोड़ते हुए कहा, “वो बम-बंदूक लेकर सामने खड़ा है, क्या वहाँ मेरा जवान चुनाव आयोग की परमिशन लेने जाए कि मैं इसके गोली मारूँ या ना मारूँ? कश्मीर में जब से हम आए हैं, हर दूसरे-तीसरे दिन सफ़ाई होती रहती है। ये सफाई अभियान मेरा काम है भाई।

बौद्ध धर्म के लिए पवित्र स्थल का दर्जा रखने वाले कुशीनगर की बात करें तो इस लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय लड़ाई हो रही है। यहाँ भाजपा ने पूर्व विधायक विजय दूबे को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने नथुनी कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कॉन्ग्रेस की तरफ से आरपीएन सिंह मैदान में हैं। खड़ा से विधायक रहे दूबे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क़रीबी माने जाते हैं और वह उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी में भी सक्रिय रहे हैं। मज़े की बात यह है कि महागठबंधन प्रत्याशी कुशवाहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बैकग्राउंड से आते हैं और संघ में सक्रिय रहे हैं।

वहीं कॉन्ग्रेस के प्रत्याशी भी इस सीट पर ख़ासे मज़बूत हैं। आरपीएन सिंह यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं और 2009 में उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालाँकि, 2004 में भाजपा के राजेश पांडेय ने उन्हें हरा दिया था। आरपीएन सिंह के पिता भी सांसद रहे हैं। इसी कारण कुशीनगर में बुआ-भतीजा के साथ-साथ कॉन्ग्रेस को भी पीएम ने ख़ासे निशाने पर रखा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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