जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को रिहा कर दिया गया है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के साथ ही पीडीपी प्रमुख को जम्मू कश्मीर के कई अन्य नेताओं और अलगाववादियों सहित हिरासत में लिया गया था और नज़रबंद कर दिया गया था। लगभग 14 महीने और 1 सप्ताह बाद उन्हें रिहा किया गया। इस साल जुलाई 31 को ही तीन महीने के लिए उनकी हिरासत अवधि बढ़ा दी गई थी लेकिन उन्हें इसके पूरे होने से पहले ही छोड़ दिया गया।
महबूबा मुफ़्ती ने अब बाहर निकलते ही ज़हर उगलना शुरू कर दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे वो एक साल से भी अधिक समय तक हिरासत में रह कर रिहा हुई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हिरासत के दौरान ‘अगस्त 5, 2019 के काले दिन का काला फैसला’ हर पल उनके ‘रूह और दिलोंदिमाग’ पर वार करता रहा। महबूबा ने उम्मीद जताई कि यही कैफियत (परिस्थिति) जम्मू कश्मीर के तमाम नागरिकों की भी रही होगी।
महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर का कोई भी शख्स उस दिन की ‘डाकाजनी और बेइज्जती’ को कतई नहीं भूल सकता। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों को ये याद करने के लिए कहा कि ‘दिल्ली दरबार’ ने अगस्त 5, 2019 को ‘असंवैधानिक, गैर-जम्हूरी और गैर-क़ानूनी’ तरीके से जो उनसे छीन लिया है, अब उसे वापस लेना होगा। भारत के खिलाफ ज़हर उगलते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा:
“अनुच्छेद 370 के साथ-साथ कश्मीर का मुद्दा, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों ने अपनी जान न्योछावर किया है, उसे हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मुझे मालूम है कि ये राह जरा भी आसान नहीं होगी। लेकिन, मुझे विश्वास है कि हम सबका हौसला इस मुश्किल रास्ते को तय करने में हमारा सहयोगी होगा। अब जब मुझे रिहा कर दिया गया है, मैं चाहती हूँ कि जम्मू कश्मीर के जितने भी लोग अलग-अलग जेलों में बंद किए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।”
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
इससे पहले महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा ने अपनी अम्मी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सूचना दी कि पीडीपी प्रमुख को रिहा कर दिया गया है और वो ‘इस कठिन काल में’ समर्थन के लिए सभी की आभारी हैं। वहीं डीएमके प्रमुख स्टालिन ने महबूबा मुफ़्ती की रिहाई का स्वागत करते हुए दावा किया कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को निलंबन में रखा गया है, जिसे बहाल करते हुए सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए।
महबूबा मुफ़्ती ने स्टालिन का धन्यवाद अदा किया। सुप्रीम कोर्ट में 15 अक्टूबर को महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में लिए जाने को लेकर सुनवाई होने वाली है। जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के गृह विभाग ने जानकारी दी कि श्रीनगर के मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया हिरासत का आदेश अब वापस लिया जाता है। सितम्बर के अंतिम सप्ताह में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी दिल्ली आए थे, जहाँ प्रदेश की स्थिति को लेकर चर्चा हुई थी।
अगस्त 2020 में खबर आई थी कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी अपने पासपोर्ट में माँ का नाम बदलकर महबूबा सैयद कराना चाहती है। इस सम्बन्ध में दिए गए नोटिस में लिखा गया था, “मैं इर्तिका जावेद, पुत्री जावेद इकबाल शाह, निवासी फेयरव्यू हाउस गुपकर रोड, श्रीनगर, कश्मीर-190001, अपने पासपोर्ट में अपनी माँ का नाम महबूबा मुफ्ती से बदलकर महबूबा सैयद कराना चाहती हूँ।”