Thursday, October 10, 2024
Homeराजनीतिआखिर क्यों अपनी माँ का नाम बदलवाना चाहती हैं महबूबा मुफ्ती की बेटी ?

आखिर क्यों अपनी माँ का नाम बदलवाना चाहती हैं महबूबा मुफ्ती की बेटी ?

महबूबा मुफ्ती ने साल 1984 में जावेद इकबाल से शादी की थी, लेकिन यह शादी लंबे समय तक नहीं चली और 1987 में दोनों अलग हो गए। फिलहाल, दोनों साथ नहीं रहते हैं। महबूबा और जावेद की दो बेटियाँ हैं, जिनका नाम इर्तिका और इल्तिजा है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी अपने पासपोर्ट में माँ का नाम बदलकर महबूबा सैयद कराना चाहती है। इस संबंध में महबूबा मुफ्ती की बेटी इर्तिका जावेद ने एक स्थानीय न्यूज पेपर में नोटिस भी प्रकाशित करवाया है।

इस नोटिस में लिखा गया है, “मैं इर्तिका जावेद, पुत्री जावेद इकबाल शाह, निवासी फेयरव्यू हाउस गुपकर रोड, श्रीनगर, कश्मीर-190001, अपने पासपोर्ट में अपनी माँ का नाम महबूबा मुफ्ती से बदलकर महबूबा सैयद कराना चाहती हूँ।”

नोटिस में आगे लिखा गया है, “अगर किसी को इससे संबंधित कोई आपत्ति है, तो कृपया सात दिनों की अवधि के भीतर संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। उसके बाद कोई आपत्ति दर्ज नहीं की जाएगी।”

बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने साल 1984 में जावेद इकबाल से शादी की थी, लेकिन यह शादी लंबे समय तक नहीं चली और 1987 में दोनों अलग हो गए। फिलहाल, दोनों साथ नहीं रहते हैं। महबूबा और जावेद की दो बेटियाँ हैं, जिनका नाम इर्तिका और इल्तिजा है। 

महबूबा की बड़ी बेटी इल्तिजा अपनी माँ के नक्शेकदम पर चली और उसने अपने नाम के पीछे मुफ्ती लगाने का फैसला किया। इर्तिका अपने पिता के काफी करीब है और उसने पिता के सरनेम को चुना।

खैर राजनीति की बात करें तो इन दिनों महबूबा मुफ्ती अपने आधिकारिक आवास में नजरबंद हैं। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया। अब वे 5 नवंबर तक हिरासत में रहेंगी। उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही वे नजरबंदी में हैं। पिछले महीने पूर्व मंत्री और पीपुल्स काॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद गनी लोन को 360 दिनों बाद नजरबंदी से रिहा कर दिया गया।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म करने के दिन 5 अगस्त 2019 को सरकार ने तमाम राजनेताओं को हिरासत में लिया था। इस दौरान पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, डॉ. फारूख अब्दुल्ला सहित कई अन्य राजनेता भी हिरासत में लिए गए थे। बीते दिनों उमर, फारूक समेत कई नेताओं को रिहा कर दिया गया था, लेकिन महबूबा व शाह फैसल अब भी हिरासत में ही हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्पसंख्यक हैं मिजोरम में हिंदू, फिर भी हरि मंदिर को बचाने में जुटे: असम राइफल्स के जाने के बाद राज्य सरकार के कब्जे में...

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मिजोरम में हिन्दू असम राइफल्स की कैंटोनमेंट में स्थित अपना एक मंदिर सरकारी नियंत्रण में जाने से बचाने को लड़ रहे हैं।

बिहार में ईसाई धर्मांतरण की ग्राउंड रिपोर्ट, YouTube ने डिलीट किया वीडियो: क्या फेसबुक भी उड़ा देगा, बिग टेक कंपनियों की वामपंथी पॉलिसी कब...

पहली बार नहीं है कि किसी मामले को लेकर बड़ी टेक कंपनियों के वामपंथी रवैये पर सवाल खड़ा किया जा रहा हो। इनका प्रभाव फेसबुक पोस्ट से लेकर इंस्टा की रीच तक पर आप देख सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -