Friday, November 15, 2024
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यूपी में मुस्लिमों ने लिया आबादी से ज़्यादा लाभ, हमारा उद्देश्य है सबका विकास: योगी आदित्यनाथ

"गरीब गरीब होता है। बिना किसी भेदभाव के सरकारी योजनाएँ सभी तक पहुँचनी चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि सभी का विकास हो।" योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार में भी 25 लाख आवासों में से 30-35% मकान मुस्लिमों को ही आवंटित हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में उनकी आबादी महज़ 18% है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि अब तक उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों को उनकी आबादी के अनुपात से ज़्यादा विकास का लाभ पहुँचाया गया है। 20% से कम की आबादी पर राज्य सरकार की स्कीमों का हर तीसरा लाभार्थी (यानि 33%) मुस्लिम है। उन्होंने यह बातें न्यूज़18 को दिए साक्षात्कार में कहीं। उनका साक्षात्कार नेटवर्क के मुख्य सम्पादक राहुल जोशी ने लिया।

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‘सरकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव हर गरीब को मिलना चाहिए’

“गरीब गरीब होता है। बिना किसी भेदभाव के सरकारी योजनाएँ सभी तक पहुँचनी चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि सभी का विकास हो।” योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार में भी 25 लाख आवासों में से 30-35% मकान मुस्लिमों को ही आवंटित हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में उनकी आबादी महज़ 18% है। यह उनकी आबादी के लिहाज से दोगुना है। लेकिन उन्होंने चूँकि मज़हबी आधार पर मकान आवंटन की कोई नीति नहीं बनाई थी, अतः मकानों के लिए जिसने भी अर्हता पूरी की, उसे मकान आवंटित हुए।

समाज को बाँटकर नहीं देखता, परिस्थिति देखकर बोला हरा वायरस

योगी आदित्यनाथ ने साफ़ किया कि उनकी मुस्लिम-विरोधी मुख्यमंत्री की छवि गलत है। उन्होंने दावा किया कि वे समाज को बाँटकर नहीं देखते, और केरल की मुस्लिम लीग को “हरा वायरस” उन्होंने वहाँ की परिस्थिति-विशेष के हिसाब से बोला था। लेकिन साथ ही प्रदेश में हिंसक तत्वों को बर्दाश्त न करने का भी स्पष्ट संदेश दिया। “लेकिन हाँ यह सच है कि हमने सांप्रदायिकता या उपद्रवियों को कभी बर्दाश्त नहीं किया और न भविष्य में करेंगे।”

2030 के लक्ष्य 2024 में हासिल करने का है दावा

अपनी सरकार का आधा कार्यकाल (2.5 साल) पूरे होने के उपलक्ष्य में योगी आदित्यनाथ एक-के-बाद-एक मीडिया इंटरव्यू दे रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने हाल ही में दैनिक जागरण को साक्षात्कार दिया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि फ़िलहाल 8% की दर से विकास कर रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था अपने आप ही 2030 तक ₹10 खरब के आकार को पा लेगी, लेकिन उनका लक्ष्य रफ़्तार बढ़ाकर यह लक्ष्य 2024 तक पा लेने का है। उन्होंने इसके लिए अगले 4 सालों में प्रदेश में ₹40 लाख करोड़ का निवेश, कोऑपरेटिव खेती को बढ़ावा, आधारभूत ढाँचा, औद्योगिक विकास आदि उपायों की योजनाएँ गिनाईं। साथ ही निवेश का माहौल सुधरने के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण पर ज़ोर देने का वादा किया था।

यही नहीं, योगी ने कानपुर में चमड़ा उद्योग को राहत के नाम पर गंगा को दोबारा प्रदूषित करने की छूट देने से भी साफ़ इंकार कर दिया था। इसके अलावा योगी ने अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियाँ पूछे जाने पर अयोध्या में दीपोत्सव और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा, कुंभ की सफलता और प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा में पर्यटन की संभावना और उद्योगों की आवक को बताया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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