Monday, November 18, 2024
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UP में कोरोना केसों में 93% कमी: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने की ‘योगी मॉडल’ की तारीफ, 3 दिन तक चली मैराथन बैठक

"पाँच हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने नए दैनिक मामलों की संख्या में 93% की कमी की...याद रखें कि यह 20+ करोड़ आबादी वाला राज्य है। जब नगर पालिका के सीएम 1.5 करोड़ आबादी वाले शहर का प्रबंधन नहीं कर सके, तो योगीजी ने काफी प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है।”

उत्तर प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए ट्रिपल टी (टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट) फॉर्मूले पर काम करके योगी सरकार को अब सकारात्मक नतीजे दिखने लगे हैं। प्रदेश में युद्ध स्तर पर हो रही टेस्टिंग का ही नतीजा है कि राज्य ने एक दिन में 3.32 लाख टेस्ट किए और 5 करोड़ से ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाला पहला राज्य बन गया। 

प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना का रिकवरी रेट (97.1%) सुधरने के साथ मामलों की कुल संख्या भी पहले से कम रह गई है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो राज्य में 1500 नए मामले आए हैं। पहले कहा जा रहा था कि राज्य में कोरोना के पीक तक 30 लाख एक्टिव केस होंगे। मगर सरकार की प्रतिबद्धता ने कोरोना की रफ्तार पर विराम लगाया और अब वहाँ कुल 28 हजार एक्टिव केस हैं।

राज्य में कोरोना से पहले के मुकाबले राहत मिलने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी साथ-साथ मिशन-2022 में भी जुट गई है। 25 मई को इसी क्रम में आरएसएस (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कुछ नेताओं से मुलाकात की और योगी सरकार और संगठन के काम-काज का फीडबैक लिया। 

इसके बाद 31 मई को पार्टी के महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने तीन दिवसीय दौरे में यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ राजधानी लखनऊ पहुँचकर यूपी की योगी सरकार और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनके काम-काज की समीक्षा की।

इस क्रम में सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और डॉ दिनेश शर्मा समेत कई विधायकों और सांसदों से एक-एक कर बैठक करके कोरोना काल में किए गए सेवाकार्यों की जानकारी लेकर काम-काज आदि पर फीडबैक लिया गया।

बता दें कि ये पहली दफा है जब पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ने यूपी के भाजपा पदाधिकारियों के साथ सामूहिक बैठक न करके एक-एक बैठक की। यहाँ उन्होंने सबके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी हासिल की और बाद में प्रदेश में पार्टी के बहुमत से आने के बावजूद पंचायत चुनावों में हुई शिकस्त पर फीडबैक लिया गया और साल 2022 की तैयारियों पर सवाल किए गए।

इस दौरान मंत्रियों ने हार का कारण कुछ अधिकारियों को और उनके मनमाने रवैये को बताया। साथ ही कहा कि इन अफसरों के कारण ही प्रदेश में कई बार एमपी, एमएलए और पार्टी पदाधिकारियों के साथ कार्यकार्ताओ को भी अपमानित किया जाता है।

बीजेपी के राष्ट्रीय़ महासचिव बीएल संतोष ने यूपी बीजेपी और सरकार के प्रवक्ताओं से भी बात की। इसमें मीडिया में सरकार व संगठन की छवि, काम-काज और 2022 में बीजेपी की स्थिति को लेकर होने वाली चर्चाओ की जानकारी ली गई। इन सारे फीडबैक्स को अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा जाएगा। संभव है इसके बाद सरकार और संगठन के साथ वहाँ की ब्यूरोक्रेसी में बदलाव देखने को मिलें।

उल्लेखनीय है कि राज्य में योगी सरकार के काम से प्रभावित होकर लौटे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने ट्वीट कर कहा,  “पाँच हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने नए दैनिक मामलों की संख्या में 93% की कमी की…याद रखें कि यह 20+ करोड़ आबादी वाला राज्य है। जब नगर पालिका के सीएम 1.5 करोड़ आबादी वाले शहर का प्रबंधन नहीं कर सके, तो योगीजी ने काफी प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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