उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने निर्णय लिया है कि देवबंद में ATS (Anti-Terrorism Squad) का सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसे ‘आतंक निरोधी दस्ता’ कहा जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा है,”तालिबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए। योगीजी ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने जानकारी दी है कि इसके लिए युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है और प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज-तर्रार ATS अधिकारियों की यहाँ तैनाती की जाएगी। बता दें कि देवबंद में ही ‘दारुल उलूम’ स्थापित है, जहाँ से इस्लामी देवबंदी अभियान शुरू हुआ था। तालिबान को भी इसी विचारधारा से प्रेरित बताया जाता है। आतंक के मामले में भी देवबंद बदनाम रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने दो हजार वर्गमीटर जमीन पहले ही एटीएस को एलॉट कर दी है।
जानकारी दे दें कि देवबंद से पहले लखनऊ और नोएडा में एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। लखनऊ में अमौसी और नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास इन सेंटर्स की स्थापना का निर्णय लिया गया है। दोनों स्थानों पर जमीन भी फाइनल कर ली गई है। फरवरी 2019 में देवबंद के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ISI के एजेंट्स भी यहाँ से दबोचे गए थे। यहाँ से कुछ ही दूरी पर सहारनपुर से भी कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं।
तालीबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए,योगीजी ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है,युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है,प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी। pic.twitter.com/cBcFqwEtYK
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 17, 2021
देवबंद में 300 से ज्यादा मदरसे हैं। ‘दारूल उलूम’ के यहाँ होने की वजह से देश-दुनिया के मुस्लिम छात्र शिक्षा लेने यहाँ आते हैं। देवबंद के बारे में देश-विदेश के मुस्लिम जानते हैं। लेकिन, पिछले कुछ समय से यहाँ आतंकी गतिविधियाँ होने के कारण इसका नाम अब बदनाम हो गया है। देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकता है। इन जिलों में कई संवेदनशील क्षेत्र हैं।