उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (अक्टूबर 17, 2020) को बलरामपुर में ‘मिशन शक्ति’ की शुरूआत की है। शारदीय से वासंतिक नवरात्र तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन दिलाना है। मुख्यमंत्री ने बलरामपुर से तो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ से इसकी शुरुआत की है।
मिशन शक्ति का शुभारम्भ करते मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी… #MissionShakti https://t.co/Pz7MwpJE1d
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 17, 2020
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”शक्ति की आराधना के पावन अवसर ‘शारदीय नवरात्रि’ के प्रथम दिवस से प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ का शुभारंभ किया जा रहा है। यह अभियान महिलाओं और बच्चों के प्रति सम्मान तथा सुरक्षा की भावना के प्रसार तथा महिला स्वावलंबन की आवश्यकता को नवीन आयाम प्रदान करने में सहयोगी होगा।”
To pay homage to the victim of a very unfortunate incident, I decided to kick-off Mission Shakti campaign from Balrampur & I’m extremely delighted to launch this programme. Mission Shakti aims at guaranteeing security & respect for every woman in the state: UP CM Yogi Aditya Nath https://t.co/8Uw6lyfGc3 pic.twitter.com/XWrOTjnSbP
— ANI UP (@ANINewsUP) October 17, 2020
उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पीड़िता को श्रद्धांजलि देने के लिए, मैंने बलरामपुर से मिशन शक्ति अभियान को शुरु करने का फैसला किया। यह अभियान बलरामपुर में बर्बरता की शिकार हुई बिटिया को सच्ची श्रद्धांजलि है। महिलाओं व बच्चों के प्रति सम्मान और सुरक्षा का भाव हमारी संस्कृति है। इसी भावना के साथ आज ‘मिशन शक्ति’ का शुभारंभ हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि महिलाओं, बेटियों, नाबालिग बच्चों और अनुसूचित जाति के लोगों के विरुद्ध अपराध करने वालों का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं। ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि वह गले मे तख्ती लटकाकर माफी माँगते फिरें या प्रदेश छोड़कर भाग जाएँ। आरोपितों के खिलाफ होने वाली कार्रवाईयों की दैनिक रिपोर्टिंग होनी चाहिए व शासन स्तर पर इसकी समीक्षा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषित दुराचारियों की चौराहों पर फोटो लगाई जाएगी और उसके बहिष्कार के लिए भी एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
नवरात्र के पहले दिन महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘मिशन शक्ति’ के शुभारंभ के साथ सीएम योगी ने ऐलान किया है कि अब यूपी के थानों में महिलाओं की सुनवाई के लिए अलग से इंतजाम किया जाएगा। प्रदेश के 1535 थानों में महिलाओं की शिकायतें सुनने के लिए अलग कमरे बनेंगे। साथ ही वहाँ एक महिला पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी जो खासतौर पर थाने पर आने वाली महिलाओं की सुनवाई करेंगी। महिलाओं से जुड़े मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाएगी। महिलाओं के खिलाफ अपराध में लिप्त लोगों को कड़ा दंड भोगना होगा।
उन्होंने वादा किया कि बिटिया के दुष्कर्मियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर शीघ्र ही कठोर सजा दिलाई जाएगी। अपराधियों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि अब पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत भर्ती बेटियों की होगी। मिशन शक्ति अभियान से 24 सरकारी विभाग तथा अन्तरराष्ट्रीय और स्थानीय सामाजिक संगठन जुड़ेंगे।
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी ने जिले के देवीपाटन शक्तिपीठ तुलसीपुर में रात्रि विश्राम के बाद सुबह माँ पाटेश्वरी का दर्शन किया। मिशन शक्ति अभियान 25 अक्टूब तक चलेगा। इसके बाद अप्रैल तक हर महीने यह अभियान एक-एक सप्ताह के लिए चलाया जाएगा। जिसके लिए तिथिवार थीम निर्धारित की गई है।
महिलाओं व बच्चों से जुड़े मुद्दों पर किया जाएगा जागरुक
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह में एक सप्ताह तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मिशन के तहत प्रदेश की 24 करोड़ जनता तक पहुँचकर उन्हें महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित मुद्दों पर जागरूक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। ‘मिशन शक्ति’ के तहत नियमित अंतराल पर विभिन्न चरणों में ‘थीम वार’ साप्ताहिक कार्यक्रम चलाए जाएँगे।
उन्होंने बताया कि 17 से 25 अक्तूबर के बीच प्रस्तावित कार्ययोजना के आधार पर प्रत्येक दिन अलग-अलग विभागों को ‘लीड विभाग’ नामित किया गया है। लीड विभाग को मिशन के अंतर्गत निर्धारित दिन पर अपने विभाग से संबंधित गतिविधियों को पूरे प्रदेश में ‘ग्रैंड-इवेन्ट’ के रूप में आयोजित करना होगा।