उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव को ‘स्टेट फेयर’ यानी राजकीय मेला घोषित किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने 133 लाख के बजट को मंजूरी दी है। साथ ही कैबिनेट ने ऑडिट का प्रस्ताव भी पारित किया ताकि इस पैसे का दुरुपयोग न हो सके।
बता दें कि अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव के दौरान अयोध्या की भव्यता देखते ही बनती है। पूरे शहर में रोशनी के खास इंतजाम किए जाते हैं। दीपावली पर होने वाले इस आयोजन में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए देशभर से कलाकारों को बुलाया जाता है।
26 अक्टूबर को, दीपावली से एक दिन पहले शुरू होने वाले इस त्योहार में यूपी सरकार ने करीब 5.5 लाख दीप जलाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दीपोत्सव को राजकीय मेला घोषित करने की मांग अयोध्या के जिलाधिकारी की ओर से आई थी। उन्होंने बताया कि डीएम इस बात की माँग पहले भी (15 जनवरी और 3 जुलाई को) दो बार कर चुके थे।
कैबिनेट मंत्री शर्मा ने कहा, “मौजूदा समय में दीपोत्सव राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। लेकिन इसकी व्यापकता को देखते हुए इसे राजकीय मेले का दर्जा देने का फैसला किया गया है।।” उन्होंने बताया कि इस मेले का प्रबंधन जिलाधिकारी के पास रहेगा।
बता दें कि पिछले साल भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान सरयू नदी के तट पर करीब तीन लाख दीये प्रज्ज्वलित किए गए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह आयोजन काफी चर्चित रहा था। दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग सूक भी इस मौके पर मौजूद थीं। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 में इस आयोजन की शुरुआत की थी। उस साल सरयू नदी के किनारे सभी घाट और मंदिरों में 1.5 लाख दीये प्रज्ज्वलित किए गए थे।
गौरतलब है कि बहुप्रतीक्षित अयोध्या विवाद में अगले महीने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की भी उम्मीद है। शीर्ष अदालत में 40 दिन चली सुनवाई के दौरान इतिहास और साक्ष्य हिंदुओं के पक्ष में नजर आए थे।