बंग्लादेश के गाज़ीपुर में गाय चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने पर दो लोगों को भीड़ ने अपने गुस्से का शिकार बना लिया। भीड़ द्वारा पीटाई किए जाने के बाद मौके पर दोनों आरोपितों की जान चली गई। कालियाकेर पुलिस स्टेशन के प्रमुख, एमडी आलमगीर ने कहा कि मारे गए दोनों लोग एक गिरोह का हिस्सा थे, जिसने शनिवार तड़के अपज़िला के नौला इलाके से मवेशी चुराने की कोशिश की थी।
भीड़ द्वारा मारे गए दोनों मृतकों की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच थी। हालाँकि, पुलिस को दोनों ही मृतकों की पहचान करने में काफ़ी समय लगी।
पुलिस ने बताया कि नओला व अताबा क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद शाजान अपने साथी के साथ लोगों के घरों से गाएँ चुराने का काम करते थे। पुलिस ने बताया कि मारे गए दोनों चोरों द्वारा छह गायों की चोरी की गई थी।
इस क्षेत्र में गायों की चोरी करने के बाद चोरों का यह गिरोह बरियाबाहा इलाके के अब्दुस समद के घर में घुसा, लेकिन मौके पर घर के लोगों को चोरों की मौजूदगी का अहसास हुआ और फिर शोर मचाने पर पास पड़ोस में रहने वाले लोगों की नींद खुल गई।
इसके बाद गाँव के मस्जिद से चोर के गाँव में एक घोषणा की गई , जिसके बाद भारी संख्या में स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुँच गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दो चोरों को पकड़ लिया। उनमें से एक की घटनास्थल पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल पहुँचने के बाद दम तोड़ दिया।
इस घटना के समय मौके पर मौजूद ग्रमीणों ने बताया कि इस चोर गिरोह के अन्य सदस्य एक ट्रक पर मवेशी रखकर भाग गए।
आपको बता दें कि भारत में यदि यह घटना घटी होती तो लोग इस घटना को भी सांप्रदायिक बनाने में लग जाते, ऐसे लोगों को बंग्लादेश के इस घटना से समझने की ज़रूरत है कि गायों की रक्षा के लिए सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि बंग्लादेश जैसे मुस्लिम देश में भी गौरक्षक हैं।