Sunday, November 17, 2024
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राहुल गाँधी को 8 साल की बच्ची ने सिखाई राफेल की A B C D…

8 साल की बच्ची अपनी दो ज्यॉमेट्री बॉक्स के माध्यम से यह समझाने का प्रयास कर रही है कि क्या फ़र्क है मोदी जी के राफ़ेल में और राहुल गाँधी के राफेल में

विपक्ष द्वारा राफेल डील पर मचा कोहराम आए दिन कुछ नया ही करतब दिखाता है। या यूँ कह लीजिए कि इन करतबों में कॉन्ग्रेस का हमलावर और आक्रामक रुख़ कभी थमने का नाम ही नहीं लेता। इस तरह तो यह लगता है कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने तरह-तरह के करतब दिखाने वाले एक कलाकार की भूमिका में अपने वजूद को तब्दील कर लिया हो, जिसका मक़सद केवल और केवल तमाशा देखने वाली भीड़ इकट्ठी करना है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में राफेल डील करतबों का मैदान बन चुका है या इसे अब तक बेवजह ही हवा दी जाती रही है। आम जनता और कॉन्ग्रेस समर्थकों के लिए भले ही यह समझ पाना मुश्किल हो कि इस डील के तहत राफेल की क़ीमत में इतना उतार-चढ़ाव क्यों है या यूँ कह लीजिए कि वो समझना ही नहीं चाहते। लेकिन एक 8 साल की बच्ची के द्वारा राफेल के गुणा-गणित को समझाना वाक़ई क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।

आपको बता दें कि, ‘एकभारतश्रेष्ठभारत’ के ट्विटर हैंडल से एक ऐसा वीडियो शेयर हुआ है, जिसमें 8 साल की बच्ची अपनी दो ज्यॉमेट्री बॉक्स के माध्यम से यह समझाने का प्रयास कर रही है कि क्या फ़र्क है मोदी जी के राफ़ेल में और राहुल गाँधी के राफेल में। इस बच्ची ने एक बेहतर ढंग से राफेल जैसे विवादित मुद्दे को जितनी सरलता से परिभाषित किया है, वो एक मिसाल है। ट्विटर पर वायरल हुए इस वीडियो को 9 जनवरी 2019 को शेयर किया गया था।

वैसे तो विपक्ष का काम केंद्र को ग़लत निर्णय लेने से रोकने का होता है, लेकिन फ़िलहाल कॉन्ग्रेस बेवजह की भ्रामकता फैलाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। जनता की नज़र में हीरो बनने की राहुल गाँधी की यह चाहत आगामी लोकसभा चुनाव के नज़दीक आने के साथ ही और परवान चढ़ती जा रही है, जिसके लिए वो ग़लत बयानों और प्रतिक्रियाओं का जमकर इस्तेमाल करते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब कॉन्ग्रेस ने बिना वजह ही बीजेपी को घेरने की न सिर्फ़ कोशिश भर की बल्कि सरकार द्वारा लिए गए कई बेहतर फ़ैसलों में अपनी टांग भी अड़ाई।

देश की बड़ी पार्टी होने के कारण कॉन्ग्रेस की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वो देश हित में लिए जाने वाले फ़ैसलों पर अपनी आपत्ति न जताए। देश की जनता को ग़लत दिशा में ले जाने की अपनी व्यर्थ की कोशिशों पर विराम लगाएँ।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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