उत्तर प्रदेश के बरेली में यूपी रोडवेज की बस रुकवाकर नमाज पढ़ने के मामले में ओवैसी का बयान आया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि क्या नमाज पढ़ ली अगर दो मुसलमानों ने तो कयामत आ गई।
ओवैसी ने कहा, “उत्तर प्रदेश के बरेली से बस जा रही थी। बस रास्ते में रुकी तो किसी मुसलमान ने कहा कि भाई तीन मिनट रुक जाओ। हम नमाज पढ़ लेते हैं। सिर्फ दो मुसलमानों ने वहाँ नमाज पढ़ी… तो कृष्णपाल सिंह ड्राइवर को सस्पेंड और मोहित यादव को बर्खास्त कर दिया गया।”
ओवैसी ने पूछा, “अगर नमाज पढे तो क्या कयामत आ गई? अगर नमाज पढ़ना गुनाह है तो पूरे सरकारी दफ्तरों में किसी के धार्मिक निशान नहीं होने चाहिए। किसी भी कलेक्टर के दफ्तर का उद्धाटन हो.. सचिवालय हो, कोई भी मजहबी त्यौहार नहीं होना चाहिए। दो मिनट के लिए बस रुकी तो आपने बस के ड्राइवर को सस्पेंड और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी कंडक्टर मोहित यादव को बर्खास्त कर दिया। आप सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की बात करते हैं।”
अगर नमाज़ पढ़ना गुनाह है तो किसी भी सरकारी ऑफिस में कोई भी धार्मिक निशान नहीं होना चाहिए।pic.twitter.com/dI6AK1elyd
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 11, 2023
गौरतलब है कि 3 जून 2023 को जनरथ बस बरेली से गाजियाबाद के कौशाम्बी स्टॉप तक जा रही थी। इसी दौरान एक जगह बस रुकी जहाँ 2 मुस्लिमों ने उतरकर नमाज पढ़ी। घटना के बाद शनिवार (4 जून 2023) को सत्येंद्र नाम के एक व्यक्ति ने खुद को बस यात्री बता कर परिवहन विभाग मुख्यालय से इस संबंध में एक शिकायती ट्वीट किया। अपनी शिकायत के समर्थन में सत्येंद्र ने टिकट के साथ एक वीडियो भी अटैच किया था।
इस वीडियो में इस्लामी वेशभूषा में सड़क पर 2 लोगों को नमाज़ पढ़ते देखा गया। बस के यात्री कंडक्टर से नमाज़ के लिए यात्रा रोके जाने का विरोध करते दिखाई दे रहे थे। हालाँकि इन सभी के जवाब में कंडक्टर उन्हें हिन्दू-मुस्लिम न करने की नसीहत देता दिखाई दे रहा था। घटना की जब वीडियो वायरल हुई तो प्रशासन ने ड्राइवर को सस्पेंड और कंडक्टर की कॉन्ट्रैक्ट सेवा को समाप्त कर दिया।