कर्नाटक विधानसभा में बुधवार (9 दिसंबर, 2020) को गोवंश वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया है। हालाँकि इस दौरान कॉन्ग्रेस ने काफी हंगामा भी किया। इस बिल में गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गो-हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी है।
Slaughter of cows & calves not allowed. Slaughter of buffaloes above 13yrs allowed. Illegal selling, transportation or culling of cows made punishable. If a cow has contacted a disease which can spread to other cattle then it can be culled/slaughtered: Karnataka Min JC Madhuswamy https://t.co/9R7XWSLrjn pic.twitter.com/ybdKHzienE
— ANI (@ANI) December 9, 2020
इस विधेयक में गोशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही पुलिस को जाँच करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई है। सदन में हंगामे के चलते विधेयक बिना बहस के ही पारित किया गया।
कर्नाटक के मंत्री केजी मधुस्वामी ने इसे लेकर न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा,” गाय और बछड़ों को मारने की अनुमति नहीं है, 13 वर्ष से अधिक आयु वाली भैंसों को मारने की अनुमति दी गई है। अवैध बिक्री, परिवहन और गोहत्या को दंडनीय बनाया गया है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि अगर कोई गाय किसी बीमारी से पीड़ित हो जाती है और वह बीमारी दूसरे मवेशियों में फैल सकती है तो उस गाय को मारा जा सकता है।”
बता दें कि पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण द्वारा विधेयक पेश करने के बाद पर कॉन्ग्रेसी नेता तिलमिला गए थे। विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस के विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने आ कर हंगामा भी खड़ा किया। सिद्धरमैया ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधेयक को पेश करने के संबंध में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा नहीं की गई।
सिद्धरमैया ने कहा, ”हमने कल इस बारे में चर्चा की थी कि नए विधेयक पेश नहीं किए जाएँगे। हम इस बात को लेकर सहमत हुए थे कि केवल अध्यादेश पारित किए जाएँगे। अब, उन्होंने (प्रभु चव्हाण) अचानक यह गो हत्या रोधी विधेयक पेश कर दिया।”
वहीं इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े केगेरी ने कहा कि उन्होंने बैठक में यह साफ तौर पर कहा था कि महत्वपूर्ण विधेयक बुधवार और बृहस्पतिवार को पेश किए जाएँगे। जिस पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कॉन्ग्रेस विधायकों ने जमकर भाजपा के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही विरोध जाहिर करते हुए कुछ लोग सदन के बाहर भी चले गए।
गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने पिछले दिनों कर्नाटक में गोवध पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि निकट भविष्य में कर्नाटक में गोवध पर प्रतिबंध एक वास्तविकता होगा। कर्नाटक के पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र, गोवा और तमिलनाडु में पार्टी मामलों के प्रभारी सीटी रवि ने कहा था कि गौवध पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून आगामी विधानसभा सत्र में पारित किया जाएगा।
चिक्कमंगलुरु के विधायक गो-हत्या का विरोध और इसके खिलाफ सख्त कानून की माँग रखते हुए ट्वीट किया था कि, “मैंने पशुपालन मंत्री श्री प्रभु चव्हाण से कहा है कि कर्नाटक पशु वध संरक्षण और मवेशी संरक्षण विधेयक कैबिनेट में पारित हो और आगामी विधानसभा सत्र में भी पेश किया जाए।”