कभी हिज़्बुल मुज़ाहिद्दीन का गढ़ माने जाने वाला ज़िला बारामूला अब आतंक-मुक्त घोषित कर दिया गया है। सेना और पुलिस की इस क़ामयाबी पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। बुधवार (जनवरी 23, 2019) को सेना के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस बात की पुष्टि की। पुलिस के जम्मू एवं कश्मीर में जितने भी आतंक प्रभावित ज़िले हैं, उनमे से बारामूला आतंक-मुक्त घोषित होने वाला पहला ज़िला है।
आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। ये आतंकी चार घंटे से वहाँ छिपे हुए थे और सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे थे। उन्हें पहले सरेंडर करने को कहा गया लेकिन वो फायरिंग करते रहे। मारे गए आतंकियों में से एक लश्कर का कमांडर बताया जाता है। इन आतंकियों ने पहले कई बार बारामूला पुलिस पर ग्रेनेड से हमला किया था। इन्होने कुछ दिनों पहले घाटी के तीन युवकों को भी मौत के घाट उतार दिया था।
J&K के डीजीपी ने इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया:
“बारामूला जिले में बुधवार के ऑपरेशन में 3आतंकी मार गिराए गए। इसी के साथ बारामूला कश्मीर का पहला आतंकी मुक्त जिला बन गया है,आज की तारीख में वहां एक भी जीवित आतंकी नहीं है।”
बता दें कि बारामूला के सफ़ियाबाद में J&K पुलिस, भारतीय सेना और CRPF ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 3 आतंकवादियों को मार गिराया। इसके अलावे मारे गए आतंकियों के पास से सुरक्षा बालों ने कई हथियार भी बरामद किए। इस ऑपरेशन में सेना की 46 राष्ट्रीय राइफल्स, 4 पैरा फोर्सेज, एसओजी और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने ज़िले में सक्रिय सभी आतंकियों का सफ़ाया कर दिया।
बारामूला काफ़ी दिनों से आतंकवादियों की करतूतों के कारण चर्चा में रहा है। कभी बुरी तरह आतंक प्रभावित रहे इस ज़िले के सोपोर क्षेत्र में कई बार सुरक्षा बलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ हो चुकी है। जिस उरी सैन्य कैंप पर आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था, वो बारामूला में ही स्थित है। घाटी में सेना ने ऑपरेशन ऑल आउट को जारी रखते हुए इस साल 23 दिनों में 14 आतंकियों को मार गिराया है।
12 जनवरी को हुई मुठभेड़ में अल-बद्र के खूंखार आतंकी जीनत को मार गिराया गया था। उसे IED बम एक्सपर्ट कहा जाता था। अगर पिछले साल के आँकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018 में 28 दिसंबर तक जम्मू और कश्मीर में मुठभेड़ों में 253 आतंकवादी मारे गए थे।