Sunday, November 17, 2024
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₹11.2 करोड़: चंद्रबाबू नायडू के 1 दिन के धरने का ख़र्च, पार्टी फंड से नहीं बल्कि सरकारी ख़जाने से

"यह संविधान का उल्लंघन है क्योंकि यह लोगों का पैसा है। 'दीक्षा' के लिए धन राजकोष से आ रहा है, वह ऐसा कैसे कर सकता है?"

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सिर्फ़ 1 दिन के धरने के लिए सरकारी ख़जाने से ₹11.2 करोड़ की भारी रक़म लुटाई। हज़ारों लोगों को दिल्ली पहुँचाने से लेकर महंगे होटलों में उनके रहने की व्यवस्था करने तक- नायडू ने सरकारी रुपयों को पानी की तरह बहाया। अतिथियों को आंध्र से दिल्ली ले जाने के लिए श्रीकाकुलम और अनंतपुर से दो ट्रेनें बुक की गईं थीं। इन ट्रेनों पर सरकार ने कुल ₹1.12 करोड़ ख़र्च किए। इसके अलावा अन्य ख़र्चों के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपए जारी किए, जिसका विवरण नीचे है।

विपक्षी पार्टियों ने चंद्रबाबू नायडू के इस महंगे धरने पर निशाना साधा है। आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी YSR कॉन्ग्रेस ने नायडू पर जनता के पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा:

“यह संविधान का उल्लंघन है क्योंकि यह लोगों का पैसा है। ‘दीक्षा’ के लिए धन राजकोष से आ रहा है, वह ऐसा कैसे कर सकता है?”

सरकारी ख़र्च का ब्यौरा (फोटो साभार: न्यूज़ 18)

बता दें कि आंध्र प्रदेश के गठन के समय किए गए वादों को पूरा करने की माँग करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में एक दिवसीय धरना दिया। इस धरने का नाम ‘धर्म पोरत दीक्षा’ रखा गया था। सोमवार (फरवरी 11, 2019) को आयोजित इस धरने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपाध्यक्ष अमित शाह के ख़िलाफ़ विपक्षी पार्टियों ने एकता का प्रदर्शन किया। पीएम मोदी पहले ही नायडू की आलोचना करते हुए कह चुके हैं कि चंद्रबाबू आंध्र की तिजोरी से जनता का पैसा निकाल कर अपनी पार्टी के लिए ख़र्च कर रहे हैं। गुंटूर रैली के दौरान उन्होंने ऐसा कहा था।

ख़बरों के मुताबिक़ अतिथियों के रुकने के लिए महंगे होटलों में 1100 से भी अधिक कमरे बुक किए गए थे। आंध्र प्रदेश सरकार ने दो अलग-अलग आदेश जारी कर धरने में हुए ख़र्च का बिल पास किया। इस धरने के दौरान पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया था। धरने के दौरान कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, शरद यादव, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, मुलायम सिंह यादव, फ़ारुख़ अब्दुल्ला सहित कई विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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