सोमवार को देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व काफी धूमधाम से मनाया गया। मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन भक्तगण भगवान शिव की आराधना करते हैं और साथ ही उनकी बारात भी निकालते हैं।
इसी अवसर पर सोमवार को रायबरेली के ऊंचाहार में भगवान शिव की बारात निकाली गई, जिसका वहाँ के समुदाय विशेष के लोगों ने विरोध किया। विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद मामला शांत हुआ और बारात दूसरे रास्ते से निकाली गई।
दरअसल शिवरात्रि के मौके पर ऊंचाहार में तकरीबन एक दशक से शिव जी की बरात निकाली जा रही है। मगर पिछले वर्ष किन्हीं कारणों से शिव जी की बरात नहीं निकाली गई थी।
दशकों से यहाँ पर बरात के लिए झाकियाँ सजकर नगर के दर्जी मुहल्ला होते हुए महादेवन मुहल्ले पहुँचती रही हैं। इसी प्रथा के अनुरूप सोमवार को भी झांकियाँ महादेवन शिव मंदिर जा रही थी। मगर झाँकी जैसे ही राजमार्ग पर मुड़ी, तभी एक समुदाय के कुछ लोग सामने आ गए और रास्ता रोक लिया। साथ में कोतवाल बृज मोहन भी थे। मामले को बढ़ता देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और रास्ता बदलने को कहा।
इस बात पर बहस भी तेज हो गई। पुलिस की इस बात पर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता इस बात पर अड़ गए कि हम हमेशा इसी रास्ते से गए हैं, तो हम रास्ता क्यों बदलें और अगर हमें रोका गया तो ये बारात नहीं निकलेगी।
इसके बाद उन्हें काफी समझाया गया और फिर यह तय हुआ कि झांकियाँ इस रास्ते से नहीं जाएगी। इस रास्ते से लोग केवल पैदल जा सकते हैं। वो भी बिना जयकारा लगाए। उसके बाद झाँकियों को दूसरे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया। इस मामले पर कोतवाल बृजमोहन ने बताया कि शिव जी की बारात शांतिपूर्ण ढँग से निकाली गई।