कोल्लम के पूर्व सांसद के सुधाकरन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को लेकर एक महिला विरोधी बयान दिया है। सुधाकरन केरल में कॉन्ग्रेस पार्टी के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक हैं। बुधवार (जनवरी 23, 2019) को कासरगोड में कॉन्ग्रेस के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजयन का प्रदर्शन एक महिला से भी बदतर है। उन्होंने कहा- “जब विजयन को CPM कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री चुना था तब हमें लगा था कि वह एक पुरुष की तरह कार्य करेंगे। न केवल वह (विजयन) एक पुरुष की तरह कार्य करने में विफल रहे हैं, बल्कि वास्तविकता तो यह है कि वे एक महिला से भी बदतर साबित हुए हैं।”
उन्होंने पिनाराई विजयन को ‘सबसे बड़ी आपदा’ बताते हुए कहा कि वे कुशलतापूर्वक और प्रभावशाली ढंग से कार्य करने में विफल रहे हैं। उन्होंने विजयन को एक असंवेदनशील मुख्यमंत्री भी कहा। मीडिया में बात फैलने के बाद उन्होंने माफ़ी मांगते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
दरअसल, केरल में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने CPM सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज़ कर दिया है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार 2018 में आई बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास में पूरी तरह से विफल रही है। UDF नेताओं ने तिरुअनंतपुरम सचिवालय के साथ राज्य के सभी जिलों के कलेक्ट्रेट पर भी प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
वैसे यह पहली बार नहीं है जब सुधाकरन विवादों में आए हैं। इससे पहले भी वे कई बार गलत कारणों की वजह से सुर्ख़ियों में रह चुके हैं। नवंबर 2012 में एक सैंड स्मगलर को छुड़ाने के लिए उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर वालपट्नम थाना के सब-इंस्पेक्टर का घेराव किया था। उसके बाद उनके ख़िलाफ़ केस भी दर्ज़ किया गया था। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को धमकी भी दी थी और परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। सुधाकरन को 15वीं लोकसभा (2009-14) में कन्नूर क्षेत्र से कॉन्ग्रेस के टिकट पर सांसद चुना गया था। सितंबर 2018 में उन्हें केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी (KPCC) का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
सुधाकरन सबरीमला मंदिर पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। उनका मानना है कि सबरीमला मंदिर की सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
अभी कुछ दिनों पहले ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी कुछ इसी तरह का महिलाविरोधी बयान दिया था। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने उन्हें मर्द बनने की सलाह दी थी। राहुल ने कहा था कि पीएम ने ख़ुद आने की बजाय एक महिला को आगे कर दिया। उनके इस बयान के बाद महिला संगठनों ने उनसे सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगने की माँग की थी।