नीरव मोदी की गिरफ़्तारी के बाद अब विजय माल्या पर भी शिकंजा कसता हुआ नज़र आ रहा है। दिल्ली की एक अदालत ने FERA उल्लंघन से संबंधित एक मामले में शराब कारोबारी और भगोड़ा विजय माल्या की बेंगलुरू में स्थित संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरू पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एन के मत्ता और वकील संवेदना वर्मा के जरिए इस संबंध में अदालत के पहले के आदेश को लागू करने के लिए और समय की माँग की थी। इसके बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने ताजा निर्देश जारी किए।
#Delhi court orders attachment of #VijayMallya‘s properties in #Bengaluru in a case relating to #FERA violations
— All India Radio News (@airnewsalerts) March 23, 2019
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बता दें कि अदालत ने बेंगलुरु पुलिस को 10 जुलाई तक आर्थिक भगोड़े अपराधी विजय माल्या की सम्पत्तियों को कुर्क करने के निर्देश दिए हैं और उसी दिन इस मामले पर अगली सुनवाई भी होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरू पुलिस ने अदालत को सूचित किया था कि उसने माल्या की 159 संपत्तियों की पहचान कर ली है, लेकिन वह इनमें से किसी को भी कुर्क नहीं कर पाई है।
बता दें कि अदालत ने इस मामले में पिछले वर्ष चार जनवरी को माल्या को भगोड़ा अपराधी करार दिया था। अदालत ने पिछले साल आठ मई को बेंगलुरू पुलिस आयुक्त के जरिए इसी मामले में माल्या की संपत्तियाँ कुर्क करने का निर्देश दिया था और इस पर रिपोर्ट माँगी थी।
एक नज़र पिछले घटनाक्रम पर, विजय माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था। माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की धनशोधन निरोधक क़ानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था। लंदन की एक अदालत ने 10 दिसंबर, 2018 को उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जावीद ने चार फ़रवरी 2019 को माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करन के आदेश पर हस्ताक्षर किए। माल्या को वहाँ के हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया था।
अदालत और सरकार जिस तरह से सक्रीय है, उससे ऐसे आर्थिक अपराधियों के हौसले पस्त होने और ऐसे अपराधों पर लगाम लगने की उम्मीद जगती है।