दिल्ली हाई कोर्ट ने गूगल, ट्विटर समेत कुछ मीडिया हाउस को जबरन धर्मांतरण की खबरों और उनके वीडियो लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। दरअसल, जबरन धर्मांतरण के आरोपित अजमत अली ने याचिका दायर कहा था कि ऐसी खबरों से उसकी प्रतिष्ठा और सुरक्षा को खतरा हो सकता है। कोर्ट ने यह आदेश शुक्रवार (12 मई, 2023) को दिया।
#BREAKING: #DelhiHighCourt directs news channels, including Sudarshan TV , other news channels and social media platforms like @YouTube, @Google and @Twitter to delete/block links/reports of news about a man namely Azmat Ali Khan alleged of forceful conversion.
— LawBeat (@LawBeatInd) May 12, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने अपने फैसले में कहा है कि इस तरह की खबरें और वीडियो गंभीर खतरा हैं, क्योंकि इन पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स करते हैं। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण तथा सर्च इंजन गूगल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर व कुछ मीडिया हाउस को नोटिस जारी किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने जिन मीडिया हाउस को नोटिस भेजा है उसमें अदालत ने सुदर्शन न्यूज के अध्यक्ष सुरेश चव्हाणके, ओडिशा टेलीविजन लिमिटेड, पिट्टी मीडिया एलएलपी, द ऑर्गनाइजर और ‘वॉयस ऑफ द नेशन’ के मालिक भारत प्रकाशन का नाम शामिल है। कोर्ट ने नोटिस जारी करने के साथ ही याचिका पर जवाब देने के लिए भी कहा है।
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि इन खबरों का लिंक ब्लॉक करने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे चैनलों और सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए हैं। उसने जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा है, “यह याचिकाकर्ता की सुरक्षा का सवाल है। यदि चैनल लिंक को ब्लॉक नहीं करते हैं तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इसे ब्लॉक कर दें। मेरा निर्देश स्पष्ट है। इसे सभी को ब्लॉक करना होगा।” साथ ही कोर्ट ने आरोपित के लिए ‘जिहादी’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई।
क्या है मामला
दिल्ली में रहने वाली एक महिला ने गत 19 अप्रैल को अजमत अली खान नामक व्यक्ति के खिलाफ जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी। इसके बाद मामला मीडिया में आया और कुछ न्यूज चैनलों तथा वेबसाइट ने इस मुद्दे को उठाया था। इन खबरों और वीडियो को लेकर ही अजमत अली खान ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि महिला द्वारा उस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। ऐसी खबरें उसकी प्रतिष्ठा और सुरक्षा के लिए सही नहीं हैं। इसलिए इन्हें हटाया जाना चाहिए।