राफ़ेल सौदे के ख़िलाफ़ काल्पनिक आरोपों की लंबी सूची में एक और कोण जोड़ते हुए, कुछ लोगों ने आज एक ख़बर प्रसारित की है कि फ़्रांस ने 28 राफ़ेल विमानों को दसाँ (Dassault) एविएशन से €2 बिलियन का ऑर्डर दिया है। उनके अनुसार, ये विमान अगली पीढ़ी के F4 स्टैंडर्ड के होंगे और इस सौदे की प्रति यूनिट कीमत भारत F3R मानक के 36 राफ़ेल जेट विमानों के लिए चुकाए जा रहे क़ीमत की लगभग आधी है।
1/ Big News: French government signed a €2 billion contract with Dassault Aviation for 28 Rafale aircraft on 14 January 2019. These aiercraft will be the latest F4 configuration. It is almost half the price what Modi govt is paying for bare F3 version + https://t.co/QbszFpNRHS
— Ravi Nair (@t_d_h_nair) January 15, 2019
All 36 #Rafale jets ordered by India in 2015 (flyaway condition) will only be delivered by 2022…& they will immediately become outdated?
— Akash Banerjee (@akashbanerjee) January 15, 2019
Cuz in 2023 the more advanced F4 versions will be delivered – at almost half the price that India paid for F3 ver.?♂️ https://t.co/Gv99RglMXW
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि F4 कॉन्फ़िगरेशन के 28 राफ़ेल जेट 2023 तक फ़्रांस को सौप दिए जाएँगे। लेकिन तथ्य यह है कि, यह पूरी तरह से फ़र्ज़ी ख़बर है। यह दिखाने के लिए दो असंबद्ध सौदे को, दुर्भावनापूर्ण मंशा से इसलिए जोड़ा जा रहा है कि लोगों को यह लगे भारतीय राफ़ेल सौदा बहुत महँगा है।
राफ़ेल लड़ाकू विमान के लिए F4 कॉन्फ़िगरेशन अभी भी ड्राइंग बोर्ड में है। यह वर्तमान में विकास के प्रारंभिक चरण में है। और 2023 तक F4 राफ़ेल को वितरित करना संभव नहीं है। क्योंकि F4 स्टैण्डर्ड कल 14 जनवरी 2019 को ही शुरू किया गया है। राफ़ेल को फ़्रांस सरकार से मिला €2 बिलियन का अनुबंध F4 मानक के विकास के लिए है। फ्रांसीसी सरकार ने दसाँ (Dassault) एविएशन की आरएंडडी गतिविधियों की फ़ंडिंग की है। राफ़ेल के F4 मानक के विकास के लिए यह अनुबंध तब कंपनी को प्रदान किया गया जब सशस्त्र बल के फ्रांसीसी मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने 14 जनवरी, 2019 को फ़्रांस के मेरिग्नैक में कंपनी के संयंत्र का दौरा किया। यह अनुबंध केवल उन्नत F4 कॉन्फ़िगरेशन के विकास के लिए है। इसमें विमान उत्पादन शामिल नहीं है।
दसाँ (Dassault) एविएशन के अनुसार, F4 मानक को विकसित करने की अंतिम अवधि 2024 तक है। हालाँकि, इसके कुछ फ़ंक्शन 2022 तक उपलब्ध हो जाएँगे। इसका मतलब है, F4 मानक राफ़ेल जेट 2024 से पहले उत्पादन के लिए नहीं जा सकता। इसलिए यह असंभव है कि फ्रांस 2023 तक इस मानक के 28 राफ़ेल जेट प्राप्त कर लेगा।
2022-2024 में फ़्रांस को 28 राफ़ेल जेट मिलेंगे। लेकिन, यह वर्तमान में उपलब्ध मानकों का होगा, न कि F 4 मानक का जो अभी तक विकसित ही नहीं हुआ है। फ़्रांस सरकार ने अब तक 180 राफ़ेल विमानों का आदेश दिया है। आख़िरी में, नौसेना के लिए 2009 में 60 विमानों का ऑर्डर है। जुलाई 2018 में दसाँ एविएशन के अनुसार, कंपनी ने फ़्रांस के रक्षा बलों को अब तक 151 राफ़ेल की आपूर्ति की है। 1 राफ़ेल को 2018 की दूसरी छमाही के दौरान वितरित किया जाना था। कंपनी ने कहा कि शेष 28 विमानों को 2022 और 2024 के बीच वितरित किया जाएगा।
इसका मतलब है, फ़्रांस को 2022-24 में 28 राफ़ेल फाइटर जेट मिलेंगे। क्योंकि, विमान का आखिरी बैच 2009 में ही आर्डर कर दिया गया था। राफ़ेल विमानों के इस डिलीवरी का, F4 स्टैंडर्ड के विकास के लिए किए गए अनुबंध से कोई संबंध नहीं है।
यहाँ ध्यान दिया जा सकता है कि भारत F3R स्टैण्डर्ड का जेट ख़रीद रहा है। जो वर्तमान में उपलब्ध विमान का नवीनतम मानक है। फ़्रांस सरकार ने इस मानक के विकास के लिए भी वित्त पोषित किया था। क्योंकि, सरकार ने 2014 में चौथी पीढ़ी के राफ़ेल विमानों के विकास के लिए €1 बिलियन के अनुबंध से वित्तपोषित किया गया था। वर्तमान अनुबंध की तरह, यह भी R&D के लिए दिया गया धन था। इसमें नए विमानों के लिए एक भी आदेश शामिल नहीं था। राफ़ेल का F3R मानक की वैधता नवंबर 2018 तक था। इसलिए यह उस विमान का नवीनतम संस्करण है जिसे भारत ने ऑर्डर किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, फ़्रांस द्वारा 2023 में F4 मानक के 30 राफ़ेल का ऑर्डर देने की उम्मीद है। जब तक मानक लगभग तैयार नहीं हो जाएगा, तब तक इस मानक के लिए कोई वर्तमान ऑर्डर नहीं है। दसाँ का अनुमान है कि F4 मानक राफ़ेल जेट 2030 तक वितरित किए जाएँगे।
यह फ़र्ज़ी ख़बर सबसे पहले ट्विटर पर रवि नायर द्वारा फ़ैलाई गई थी। जो ‘द वायर’ और ‘जनता का रिपोर्टर’ जैसी प्रोपेगैंडा वेबसाइटों से जुड़े हैं। राफ़ेल सौदे को लेकर फ़र्ज़ी ख़बरें फ़ैलाने में ये वेबसाइटें सबसे आगे रही हैं। 2 नवंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक राफ़ेल सौदे पर ये प्रोपेगंडा वेबसाइटें 40 से अधिक लेख प्रकाशित कर चुके थे।