झारखण्ड में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाले गए तबरेज़ अन्सारी के बारे में नई-नई खबरें निकल कर सामने आ रहीं हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक तबरेज़ के अब्बू मस्कूर अंसारी को भी लगभग 15 साल पहले ऐसे ही मार डाला गया था। मस्कूर अंसारी को कथित तौर पर भीड़ ने जमशेदपुर के बागबेड़ा में चोरी करते हुए पकड़ लिया था और पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
‘मैं गया था मस्कूर की लाश लाने’: कॉन्ग्रेस नेता
कॉन्ग्रेस नेता और पार्टी की जिला यूनिट के महासचिव मोहम्मद मुसाहिद खान बताते हैं कि मस्कूर की लाश गाँव में वापस लाने वह खुद जमशेदपुर गए थे। उनके अनुसार उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मस्कूर का गाँव से ही संबंध था। बागबेड़ा पुलिस स्टेशन में एक केस भी उस समय दायर किया गया था। पुलिस अब उस केस की भी विस्तारपूर्वक जानकारी निकलवाने में जुटी है।
रिपोर्ट के मुताबिक गाँव के दो 70+ वर्षीय वृद्धों ने भी खान के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने जाँच एजेंसियों की पूछताछ से बचने के लिए अपने नाम बताने से मना कर दिया। इसके अलावा तबरेज़ के घर से महज़ 100 मीटर दूर जामा मस्जिद की सड़क के दूसरी ओर रहने वाली उनमें से एक वृद्धा ने यह भी बताया कि भीड़ ने पकड़ने के बाद मस्कूर की बेरहमी से पिटाई की थी और गला रेत कर हत्या कर दी थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब मस्कूर की लाश लाई गई थी तो वह वहीं मौजूद थीं।
‘अभी भी याद है’
TOI के अनुसार बागबेड़ा में अभी भी कुछ लोगों के ज़ेहन में यह घटना ताज़ा है। नवंबर 2004 में हुई इस नृशंस हत्या के बारे में TOI से स्थानीय नेता सुबोध कुमार झा ने बात की। “एक दिन रामनगर के निवासियों ने एक आदमी को पकड़ लिया और गुस्साई भीड़ ने पीट-पीट कर उसे मार डाला।”