गुरुग्राम में एक 25 वर्षीय युवक ने अपने साथ ज्यादती किए जाने का आरोप लगाया। अपने आरोप में मुस्लिम युवक ने कहा कि उसे कुछ लोगों ने जबरन “जय श्री राम” बोलने को कहा और ऐसा न करने पर पिटाई की। उक्त मुस्लिम युवक ने अपने आरोप में कहा कि उन लोगों ने उसकी इस्लामी टोपी भी फेंक दी। मोहम्मद बरकत आलम ने अपने आरोप में कहा कि ये घटना शनिवार (मई 25, 2019) की रात को तब हुई, जब वह अपने घर जा रहा था। युवक के अनुसार, उसे परेशान करने वाले लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र में इस्लामी स्कल कैप पहन कर घूमने की अनुमति नहीं है।
“In Gurugram Muslim man told to remove skullcap,chant Jai Shri Ram”.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) May 27, 2019
It is deplorable. Exemplary action needed by Gurugram authorities. We are a secular nation where @Javedakhtarjadu writes “ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे” & @RakeyshOmMehra gave us d song “अर्ज़ियाँ” in Delhi 6.
गौतम गंभीर ने इस घटना की कड़ी निंदा की। क्रिकेटर से सांसद बने गंभीर ने हाल ही में पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से कॉन्ग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली को 3,91,000 से भी अधिक मतों से हराया है। भाजपा के टिकट पर संसद पहुँचे गंभीर ने ट्विटर पर गुरुग्राम वाली घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “गुरुग्राम में एक मुस्लिम व्यक्ति को उसका स्कल कैप हटाने को कहा गया, उसे जबरन ‘जय श्री राम’ बोलने का नारा लगाने को कहा गया। यह निंदनीय है। गुरुग्राम प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए अनुकरणीय उदाहरण पेश करना चाहिए। हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, जहाँ जावेद अख्तर ‘ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे’ जैसे गीत लिखते हैं और राकेश ओमप्रकाश मेहरा ‘अर्जियाँ’ (‘दिल्ली 6’ फ़िल्म में) जैसे गाने बनाते हैं।“
My thoughts on secularism emanate from honourable PM Mr Modi’s mantra “सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास”. I am not limiting myself to Gurugram incident alone, any oppression based on caste/religion is deplorable. Tolerance & inclusive growth is what idea of India is based on.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) May 27, 2019
गौतम गंभीर के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उनसे भाजपा कार्यकर्ताओं की हो रही हत्यापर भी बोलने को कहा। लोगों ने उन्हें बिना मामले के तह तक गए हुए किसी भी घटना को सांप्रदायिक करार देने वाले ट्रेंड को लेकर आगाह किया। बता दें कि हाल ही में ऐसी कई घटनाएँ हुई हैं, जिसे पहले मीडिया ने सांप्रदायिक रंग दिया लेकिन बाद में पता चला कि ये आम आपराधिक घटनाएँ थीं। अपने पहले ट्वीट के 2 घंटे बाद गंभीर ने दूसरा ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए लिखा,
“सेकुलरिज्म पर मेरे विचार का उद्भव माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन्त्र ‘सबका साथ-सबका विकास’ से होता है। मैं यहाँ सिर्फ़ गुरुग्राम वाली घटना की बात नहीं कर रहा, जाति और धर्म को लेकर की गई कोई भी ज्यादती निंदनीय है। सहिष्णुता और समवेशी विकास- इन दोनों विचारों पर हमारा देश आधारित है।“
Nothing wrong in condemning an act of vioIence but selectively highlighting an isolated incident and using it to form an opinion at national perspective puts fear & exasperation among minority and sense of guilt among unsuspecting majority, thereby creating more enmity.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) May 27, 2019
लोगों ने गंभीर को जवाब देते हुए कहा कि किसी बुरी घटना की निंदा करना ग़लत बात नहीं है, लेकिन एक छोटी घटना के कारण पूरे देश के लिए आम राय बना लेना ही मोदी-विरोधी प्रोपेगंडा का हिस्सा है, जिसके जाल में सेलिब्रिटी को फँसा लिया जाता है।
Modi ji Bechare kehte kehte thak gaye…. Chapaas or Dikhaas se bacho…. but ye nahi sudhrenge…
— ठाकुर साहब (@Dev_BholeBhakt) May 27, 2019
गौतम गंभीर को लोगों ने अमेठी में स्मृति ईरानी के ख़ास रहे भाजपा कार्यकर्ता की हत्या को लेकर ट्वीट करने को कहा। कई लोगों ने ट्विटर पर लिखा कि अब गंभीर को भी सेकुलरिज्म के कीड़े ने काट लिया है। कई लोगों ने उन्हें मीडिया की ख़बरों पर आँख बंद कर के विश्वास न करने की सलाह दी क्योंकि मीडिया द्वारा हमेशा किसी ख़ास समुदाय के लोगों को ही विक्टिम बता कर पेश किया जाता है। एक ट्विटर यूजर ने गंभीर को पीएम मोदी के भाषण की उस पंक्ति से घेरा जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग जब तक सुबह उठ कर राष्ट्र के नाम सन्देश नहीं देते, उन्हें चैन नहीं मिलता है।