उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद पुलिस लगातार उपद्रवियों को पकड़ने में लगी है। अभी तक नैनीताल पुलिस की कार्रवाई में 30 लोग गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से 5 को पहले अरेस्ट किया गया था और 25 की गिरफ्तारी हाल में हुई। पुलिस को जाँच में इनके पास से 7 तमंचे और 54 कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा थाने से लूटे गए 99 कारतूस भी पुलिस को इन अभियुक्तों के पास से मिले हैं।
VIDEO | Here's what SSP Nainital PN Meena said on Haldwani violence that took place on Thursday.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 11, 2024
"We have registered three FIRs in the violence that erupted in Haldwani's Banbhoolpura area during an anti-encroachment drive. Separate investigating teams were set up for the probe,… pic.twitter.com/S6mryxseLM
एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने इस सबंध में जानकारी दी कि इस हिंसा मामले में 3 एफआईआर (मुकदमा संख्या 21/24, 22/24, 23/24) दर्ज हुई है। सबमें अलग-अलग जाँच अधिकारी हैं। 24 घंटे में 25 आरोपित गिरफ्तार हुए हैं उससे पहले 5 लोग गिरफ्तार हुए थे।
कुल 30 गिरफ्तारी इस मामले में हो गई है। इनके पास से वो जिंदा कारतूस भी मिले हैं जो इन्होंने थाने में हमला करते समय लूटे थे। बाकी गायब कारतूसों को बरामद करने की कोशिश हो रही है। मुख्य आरोपित को पकड़ने का भी प्रयास चल रहा है जैसा ही वो पक़ड़ में आएगा इसकी जानकारी दी जाएगी।
गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम जुनैद, निजाम, महबूब, शहजाद, अब्दुल माजिद, शाजिद, नईम, शहनवाज, शकीर अहमद, इशरार, शानू, रईस, गुलजार अहमद, रईस, मोहम्मद फरीद, जावेद पुत्र अब्दुल हमीद, मोहम्मद साद, मोहम्मद तस्लीम, अहमद हसन, शाहरूख, अरजना, रिहान, जिशान, माजिद हैं।
एसएसपी मीणा ने यह भी जानकारी दी कि अब हल्द्वानी में धीरे-धीरे सब सामान्य हो रहा है। हालातों पर नियंत्रण पा लिया गया है। यातायात सामान्य ढंग से चल रहे हैं। एग्जाम कराए गए हैं जिसमें अटेंडेंस काफी सही रही। उन्होंने ये भी बताया कि बनभूलपुरा में पुलिस ने दूध और बाकी जरूरतों के सामानों को पहुँचाने का काम किया है। आगे कुछ दिनों में बाकी क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू को भी हटा दिया जाएगा।
बता दें कि 8 फरवरी 2024 को अवैध मदरसे और मस्जिद के विध्वंस को लेकर एक इस्लामी भीड़ ने उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा फैलाई थी। अवैध संरचना के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा ने कहा कि मदरसा-मस्जिद का निर्माण अतिक्रमण की गई सरकारी भूमि पर अवैध रूप से किया गया था। इन्हें गिराने की कार्रवाई अदालत के आदेश के तहत की गई थी।