मथुरा के चौक बाजार में लस्सी विक्रेता से विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के दर्जन भर गुंडों की मारपीट से घायल युवक ने उपचार के दौरान शनिवार (मई 25, 2019) देर रात दम तोड़ दिया। इसकी सूचना जैसे ही चौक बाजार क्षेत्र में पहुँची, व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। व्यापारियों ने दुकानें बंद कर सड़क पर जाम लगा दिया। बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए व्यापारी आरोपितों की गिरफ्तारी की माँग कर रहे हैं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
An FIR has been registered against Mohammad Hanif, Mohammad Shahrukh and 15 othershttps://t.co/5HIUqvcx2B
— Swarajya (@SwarajyaMag) May 27, 2019
गौरतलब है कि शनिवार (मई 18, 2019) की रात करीब आठ बजे चौक बाजार में नत्थो लस्सी भंडार पर मुस्लिम समुदाय के कुछ युवक लस्सी पीने आए। लस्सी पीने के बाद जब दुकान पर बैठे भारत और पंकज ने उनसे पैसे माँगे तो उन लोगों ने झगड़ा करना शुरू कर दिया। हालाँकि, ये मामला कुछ देर में शांत हो गया। ये लोग उस समय तो चले गए मगर कुछ समय बाद हनीफ और शाहरुख अपने दर्जन भर साथियों (गुंडों) के साथ लौटकर आए। सभी के हाथ में लोहे की रॉड, डंडा और तमंचा आदि थे। फिर इन युवकों ने दोनों भाईयों को बुरी तरह पीटा। जिसमें भारत गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल भारत को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ इलाज के दौरान शनिवार को भारत की मौत हो गई।
पुलिस ने भारत के भाई पंकज की तहरीर पर हनीफ और मोहम्मद शाहरुख समेत 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कहा कि जाँच जारी है। वैसे, अगर कहीं भी किसी के साथ मारपीट होती है, या फिर किसी की भी हत्या होती है, तो वो निंदनीय है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा देखा गया है कि कुछ बड़े मीडिया वर्ग तभी न्याय का झंडा बुलंद करते हैं, जब पीड़ित मुस्लिम या दलित होता है। अल्पसंख्यकों के पीड़ित होने पर बड़े-बड़े अक्षरों में उनके नाम के साथ प्रकाशित किया जाता है, लेकिन जब वही घटना बहुसंख्यक समुदाय के साथ होती है, तो हेडलाइन में बस ‘दूसरे समुदाय’ की बात लिख कर खानापूर्ति की जाती है। आरोपी के नाम को हाइलाइट नहीं किया जाता, क्योंकि वो मजहब विशेष से होते हैं।