दुनिया भर में मानवाधिकारों की बात करने वाले पाकिस्तान में किस प्रकार अल्पसंख्यकों के साथ बर्बर व्यवहार किया जाता है, इसकी एक और ताजी तस्वीर वहाँ के सिंध प्रांत में देखने को मिली। सिंध प्रांत के थारपरकर के चाचरो इलाके में कट्टरपंथियों ने हिंदू में जमकर तोड़फोड़ की। कट्टरपंथियों ने मंदिर पर हमला किया, मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया और माता रानी भटियानी की मूर्ति भी तोड़ दी।
पाकिस्तान में हिंदू और अन्य धर्म स्थलों को नुकसान पहुँचाने का सिलसिला थम नहीं रहा। पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद अब उपद्रवियों ने हिंदू समुदाय के मंदिर को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री इमरान खान आए दिन कश्मीर को लेकर भारत सरकार पर निशाना साधते रहते हैं जबकि खुद उनके देश में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की खबरें कम होती नहीं दिख रही हैं।
Yet another Hindu temple vandalised in Sindh. The statue and holy scriptures desecrated as a mob attacked the temple of Mata Rani Bhatiyani in Chachro, Tharparkar. pic.twitter.com/VrKXpi8btd
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) January 26, 2020
पत्रकार नायला इनायत ने हिंदू मंदिर पर हुए हमले की तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया, “सिंध में अब एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई। थारपरकर के चाचरो में भीड़ ने माता रानी भातियानी मंदिर में पवित्र मूर्ति और ग्रंथों को नुकसान पहुँचाया।” नायला ने अपने ट्विटर हैंडल पर घटनास्थल की चार तस्वीरें भी शेयर की हैं। इसमें देखा जा सकता है कि उपद्रवियों ने मातारानी कू मूर्ति पर काला रंग पोत दिया है और इसके अलावा तोड़फोड़ भी की गई है। साथ ही मंदिर को भी तोड़ने की कोशिश की गई है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुई पत्थरबाजी की निंदा पूरे विश्व में हुई थी। इससे पहले सितंबर 2019 में भी सिंध में ही एक और हिंदू मंदिर में कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की थी। इसी महीने पाकिस्तान में ननकाना साहिब पर पत्थरबाजी का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक प्रदर्शनकारी ने पवित्र धर्मस्थल का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी भी दी थी।
कट्टरपंथी यहाँ सिख विरोधी नारे लगा रहे थे। शुक्रवार (3 जनवरी, 2020) को सिखों के पवित्र धर्मस्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर मुस्लिम भीड़ ने पत्थरबाज़ी की, सिखों के साथ मारपीट की और उनके घरों में भी पत्थरबाज़ी की। बता दें कि इस घटना को अंजाम तब दिया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के लोग जुमे की नमाज अता कर अपने घर लौट रहे थे।