मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बलिदानी के परिवार के लिए युवाओं ने इंसानियत की जो मिसाल पेश की, वो तालियों की हक़दार है। दरअसल, बेटमा गाँव के युवाओं ने 27 साल पहले वीरगति को प्राप्त हुए जवान के घर को कच्चे मकान से बदलकर पक्के मकान में तब्दील कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने गृह प्रवेश के रास्ते में जवान की पत्नी के आगमन पर अपनी हथेलियाँ तक सजा दीं, जिन पर चलकर वो घर में दाखिल हुईं। सोशल मीडिया पर युवाओं के इस बेहतरीन अंदाज़ का एक वीडियो वायरल हो गया है।
#WATCH Indore: Youth in Betma village presented new house y’day to wife of soldier Mohan Singh(who lost his life in 1992 in Assam).She had been living in ‘kuccha’ house till now. They also placed their hands on the ground in respect to help her enter the house for the first time pic.twitter.com/wp3mSM3lWZ
— ANI (@ANI) August 16, 2019
वीडियो में आप देख सकते हैं कि बलिदानी की पत्नी ने हथेलियाँ सजाए रास्ते से गुज़र कर अपने नए घर में प्रवेश किया। 21 सेकंड के इस वीडियो के वायरल होते ही यूज़र्स ने युवाओं की जमकर तारीफ़ की। किसी ने लिखा, ‘इंसानियत अभी भी ज़िंदा है, जय हिंद जय भारत’, तो किसी ने अपील की कि इस तरह की न्यूज़ को अधिक से अधिक प्रसारित किया जाना चाहिए।
इंसानियत अभी भी जिंदा हैं
— Jëjus Ćhrist #Bad Christian (@fakeAthiest) August 16, 2019
जय हिंद जय भारत
एक अन्य यूज़र ने लिखा, “मैं बहुत भावुक था और मैंने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों को खोजने के लिए संघर्ष किया। एकदम अनोखा अंदाज़। उन्हें (पत्नी) अपने हाथों पर चलाना अद्वितीय है। इन सभी युवाओं ने भारत को गौरवान्वित किया है। बहुत धन्यवाद।”
I was so emotional & I struggle to find words to express my feelings. Truely amazing gesture. Making her to walk on their hands is unique. All these youth have made India proud. Many thanks??????
— Govindarajan.V (@GovindarajanV10) August 16, 2019
दरअसल, 27 साल पहले बेटमा गाँव के निवासी मोहन सिंह सुनेर BSF में तैनात थे। 31 दिसंबर 1992 को असम में पोस्टिंग के दौरान उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी। उसके बाद से ही मोहन सिंह का परिवार झोपड़ी में किसी तरह से गुज़र-बसर कर रहा था। उनकी इस स्थिति को देखते हुए गाँव के युवाओं ने उनके परिवार के लिए पक्का घर बनवाने का बीड़ा उठाया।
युवाओं ने पक्का घर बनाने के लिए ‘वन चेक-वन साइन’ नाम से अभियान चलाया। इस अभियान के माध्यम से युवाओं ने 11 लाख रुपए जुटाए। इसमें से 10 लाख रुपए से पक्का मकान तैयार किया गया और बचे हुए 1 लाख रुपए से हुतात्मा मोहन सिंह की प्रतिमा बनवाई गई। 73वें स्वतंत्रता दिवस के ख़ास मौक़े पर युवाओं ने बलिदानी मोहन सिंह के परिवार को यह घर तोहफ़े के रूप में सौंप दिया।