अफगानिस्तान के एक मस्जिद में शनिवार (फरवरी 13, 2021) को बम बनाने के दौरान हुए विस्फोट में 30 तालिबानी आतंकी मारे गए। आधिकारिक सूचना के मुताबिक मरने वालों की संख्या में 6 विदेशी आतंकी भी शामिल थे।
अफगान रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मस्जिद में हुए बम विस्फोट के कारण 30 आतंकियों के मरने की सूचना है। इनमें 6 विदेशी भी शामिल थे, जो प्रोफेशनली बम बनाने का काम करते थे। बयान के अनुसार, घटना एक ऐसी जगह घटी, जहाँ कई तालिबानी बम बनाने के लिए एकत्र हुए थे।
मंत्रालय के अनुसार, यह घटना सुबह 9.15 बजे बल्ख प्रांत के दावत अबद जिले के कितला गाँव में हुई, जो राजधानी काबुल के उत्तर में लगभग 450 किलोमीटर दूर है और उज्बेकिस्तान के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
मंत्रालय प्रवक्ता फवाद अमन ने इस घटना को सबसे घातक बताते हुए कहा कि इसमें कोई आतंकी जीवित नहीं बचा। अरब न्यूज को दिए बयान में वह बताते हैं कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएँ हुईं लेकिन 6, 8 या 10 की संख्या में बम लगाते या उसे बनाते हुए आतंकियों की धज्जियाँ उड़ी, मगर इस बार संख्या ज्यादा है।
मालूम हो कि तालिबान ने बम विस्फोट की बात को स्वीकार लिया है। हालाँकि उनकी ओर से जान हानि की कोई पुष्टि नहीं की गई है। तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने बताया,
“हाँ, वहाँ पर विस्फोट हुआ है, जहाँ बम स्टोर किए गए थे, लेकिन वैसा नहीं जैसे सरकारी अधिकारी बता रहे हैं। हम उन रिपोर्ट को खारिज करते हैं जिसमें मौत की बातें है, कोई भी नहीं मरा है।”
जबिहुल्लाह के अनुसार, सुबह के समय दुश्मनों के प्लेनों ने आकर बमबारी की थी, जिसके कारण पास के एक मस्जिद को क्षति पहुँची है।
वहीं बल्ख राज्यपाल के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि दवलत अबाद में सालों से तालिबानियों की उपस्थिति है, लेकिन इस घटना से संबंधित रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के बारे में उन्होंने नहीं सुना था।
बता दें कि अफगानिस्तान में बल्ख उन जगहों में से एक था जहाँ से तालिबानियों ने कुछ समय पहले तक दूरी बनाई हुई थी। मगर, अब अमेरिका के सैनिकों के हटने के बाद और सरकारी नेताओं से अनबन के चलते उन्होंने वहाँ पहुँच बना ली है।
हालिया विस्फोट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में एक स्वतंत्र जाँच अनिवार्य है। पता लगना चाहिए कि ये कोई एयरस्ट्राइक थी या फिर सरकार के दावे सही हैं कि वहाँ बम बनाने के कारण विस्फोट हुआ?