पाकिस्तान को एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक का डर सताने लगा है। जम्मू-कश्मीर के पूँछ में आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 5 सैनिकों के बलिदान होने के बाद पड़ोसी देश के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने यह डर जाहिर की है। बासित ने कहा कि फिलहाल ऐसा डर नहीं है, लेकिन अगले साल चुनावों से पहले ऐसा हो सकता है।
अब्दुल बासित ने कहा, “पाकिस्तान में लोग भारत द्वारा एक और सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक के बारे में बात कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि अब वह ऐसा करेगा, क्योंकि वह इस साल SCO की बैठक और जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है
उन्होंने आगे कहा, “जब तक भारत अध्यक्षता कर रहा है, तब तक ऐसा खतरा नहीं दिख रहा, लेकिन अगले साल चुनावों के दौरान भारत फिर से ऐसा कर सकता है। यह भारत में चुनावों से ठीक पहले हो सकता है। भारत जानता है कि हम कहाँ खड़े हैं।” बासित यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस दौरान अब्दुल बासित ने आतंकी हमले को सही ठहराने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि जिसने भी हमला किया, चाहे वह मुजाहिदीन हो या कोई भी, उन्होंने नागरिकों को नहीं, बल्कि सेना को निशाना बनाया है। वे एक वैध संघर्ष में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भी इसकी अनुमति देता है।
बता दें कि 20 अप्रैल 2023 को संगयोट में सेना की ओर से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। इस इफ्तार पार्टी के लिए सेना के जवान सामान लेकर लौट रहे थे। उसी दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड हमला कर दिया, जिससे गाड़ी में आग लग गई और पाँच जवान जिंदा जल गए।
इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी। पीएएफएफ पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। यह आतंकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है। यह आतंकी संगठन वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा के लिए भी वफादार माना जाता है। हाल की कई आतंकी घटनाओं में इसका नाम सामने आया है।
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर हुए हमले का भारतीय वायुसेना ने जिस तरह से जवाब दिया था, उससे आज भी पाकिस्तान डरा हुआ है। वह इस मामले पर सार्वजनिक तौर पर इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचता है, ताकि बदनामी ना हो।
सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश के ठिकानों एयर स्ट्राइक किया था, जिसमें 300 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया। मगर पाकिस्तान इसे नकारता रहा। हालाँकि, कई मौकों पर उसने दबे स्वर में इस घटना को स्वीकार भी किया है।