दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सूफी दरगाह के पास आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया है। इस हमले में 9 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जिनमें से 5 पुलिसकर्मी हैं और बाकी पाकिस्तानी नागरिक। 26 अन्य घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। यह एक आत्मघाती हमला था, जिसमें सूफी दरगाह की सुरक्षा में लगे ‘इलीट फ़ोर्स’ की गाड़ी को निशाना बनाया गया। ये धमाका सुबह 8.45 के क़रीब हुआ, जब पुलिस की मोबाइल वैन दरगाह के पास पार्क की गई थी। शुरूआती जाँच से पता चला है कि इस हमले में 7 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का प्रयोग किया गया। किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी के मुताबिक़, 9 लोग मारे गए हैं और 4 अन्य की हालत काफ़ी गंभीर है।
कुछ घायल लोगों को मायो अस्पताल में दाखिल कराया गया है। ये हमला लाहौर के ‘दाता दरबार’ नामक सूफी दरगाह में हुआ, जिसे मुग़लकाल में ही बनाया गया था। पंजाब इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस आरिफ हवाज़ ने कहा कि यह 100% पुलिस पर किया गया हमला था। उन्होंने बताया कि दरगाह की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस की तैनाती रहती है। प्रशासन अभी जनरल सिक्योरिटी अलर्ट के तहत काम कर रहा है और दरगाह पर किसी बड़े ख़तरे की आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि हमलावर ने दरगाह के भीतर जाने वाले सीधे रास्ते के बीच खड़े पुलिस वाहन को निशाना बनाया।
इस धमाके के बाद दरगाह के भीतर उपस्थित सभी लोगों को एग्जिट गेट की तरफ़ से बाहर निकाला गया और इसे खाली करा दिया गया। अभी दरगाह के भीतर प्रवेश को सीमित कर दिया गया है। आतंकरोधी विभाग और फॉरेंसिक विभाग के लोग वहाँ धमाके से जुड़े सबूत इकट्ठे कर रहे हैं और जाँच के बाद अधिक सूचना दी जाएगी। रमजान के महीने में लाहौर व आसपास के अन्य इलाक़ों में स्थित सभी इस्लामिक धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई और और वहाँ के प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस हमले की निंदा की है। पुलिस विभाग ने बताया कि लाहौर में अब तक अपनी ड्यूटी निभाते हुए 306 पुलिसकर्मी मारे जा चुके हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुज़दार ने पुलिस से इस घटना को लेकर बृहद रिपोर्ट माँगी है और जाँच के आदेश भी दिए हैं। बुज़दार ने अपने सारे प्रस्तावित दौरों को रद्द कर सुरक्षा सम्बन्धी बैठकों में हिस्सा लिया। दाता दरबार या दाता गंज बख्श पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय सूफी दरगाहों में से एक है, जिसे सूफी संत अली हजवेरी की याद में बनवाया गया था। यहाँ 2010 में हुए बम धमाकों में दर्जन भर से भी अधिक लोग मारे गए थे।