तालिबान के चंगुल से बच निकलने में कामयाब रहीं अफगान पॉप स्टार आर्यना सईद फिर से सुर्खियों में हैं। आर्यना सईद ने इस्तांबुल में न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में बताया कि वह काबुल से कैसे भागीं। उन्होंने बताया कि तालिबान के काबुल पर शासन होने के बाद वो भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डे में घुस गई थीं। वहाँ उन्होंने अपने मंगेतर से कहा, “उन्हें मुझे जिंदा मत ले जाने देना। बस मुझे सिर में गोली मार देना।”
1.4 मिलियन (14 लाख) इंस्टाग्राम फॉलोअर्स और अक्सर अमेरिकी सुपरस्टार किम कार्दशियन से अपनी तुलना करने वाली आर्यना महिलाओं के अधिकारों और अपने विचारों के चलते शुरुआत से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं। 36 वर्षीय सिंगर व एक फेमस अफगान म्यूजिक टैलेंट शो ‘द वॉयस’ की पूर्व जज अपने शहर से बेहद प्यार करती थीं, इसके बावजूद उन्हें वहाँ से भागने को मजबूर होना पड़ा।
“Just shoot me in the head”
— AFP News Agency (@AFP) September 11, 2021
Afghan pop star Aryana Sayeed recalls asking her fiance one thing as they snuck into Kabul’s chaotic airport after the Taliban moved in: “Don’t let them take me away alive” https://t.co/TOmZtD20Im pic.twitter.com/zxnJFsJnDT
तालिबानियों ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान का शासन अपने हाथों में लिया था। अमेरिकी सेना जो 20 सालों से अफगान सेना के साथ वहाँ के लोगों की रक्षा कर रही थी, उन्होंने उस दिन विदेशियों और कुछ अफगान नागरिकों को वहाँ से निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन विफल रही। अगले दिन पॉप स्टार ने दूसरी बार प्रयास किया।
उन्होंने अपने इस्तांबुल अपार्टमेंट में न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, ”मेरे मंगेतर और मैनेजर हसीब सईद दूसरी कार में वॉकी-टॉकी के जरिए मुझसे बात कर रहे थे। इस दौरान मैंने उनसे कहा कि अगर वो लोग मुझे जिंदा पकड़ कर ले जा रहे हों तो बस सिर में मुझे गोली मार देना।” उन्होंने कहा कि महिलाएँ वहाँ बेहोश हो रही थीं, मैं केवल इसी एक चीज से डरती थी। मैं मरने या किसी और भी चीज से नहीं डरती थी।
आर्यना जानती थीं कि वह जोखिम ले रही थीं, जब उन्होंने काबुल में अपना खुद का फैशन ब्रांड लॉन्च किया था। क्योंकि अमेरिकी सेना उस दौरान अपने वतन लौटने की तैयारी कर रही थी और तालिबान जुलाई में देश के एक के बाद एक बड़े हिस्से पर कब्जा करता जा रहा था।
उन्होंने उन पलों को याद करते हुए कहा, “मैं हमेशा से अपना बेहतर भविष्य देखना चाहती थी, इसलिए मैंने निवेश करने का फैसला किया।” उन्होंने कहा कि शायद सपने में भी नहीं सोचा था कि वह खुद को ऐसी परिस्थितियों से घिरा हुआ पाएँगी।
भागने वाले दिन के बारे में उन्होंने बताया कि भीड़ के बीच से उनके मंगेतर पहले गेट पर पहुँचे। लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे। इसमें बच्चे थे, छोटे बच्चे थे। महिलाएँ ऑक्सीजन और जगह की कमी के कारण बेहोश हो रही थीं। अमेरिकी सैनिकों ने शुरुआत में अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें जाने देने से इनकार कर दिया, लेकिन एक अनुवादक ने हसीब को पहचान लिया और सैनिकों से कहा कि वह एक बड़े सितारे का मंगेतर है, जिसका जीवन संकट में है।
आर्यना का कहना है कि जिन महिलाओं को उन्होंने पीछे छोड़ दिया है, वे उन महिलाओं की तुलना में अधिक शिक्षित और जागरूक हैं, जिन्हें तालिबान ने आखिरी बार 1996-2001 में अफगानिस्तान पर शासन करने के दौरान स्कूल और अन्य काम से बाहर कर दिया था। उन्होंने कट्टरपंथी इस्लाम के बारे में कहा, ”अफगानिस्तान की महिलाएँ वो महिलाएँ नहीं हैं, जो 20 साल पहले थीं। वो इन्हें स्वीकार नहीं रहे हैं।”
आर्यना ने कहा, ”दुनिया भर की सरकारों को यह समझना चाहिए कि तालिबान आज भी वही है, जिन्होंने 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों से पहले शासन किया था। मुझे उम्मीद है कि दुनिया को एहसास होगा कि यह बदला हुआ या नया तालिबान नहीं है।” उन्होंने कहा, ”ये मेरे खून के प्यासे हैं।” बता दें कि आर्यना अगस्त 2021 में काबुल से रवाना हुए अमेरिकी कार्गो जेट में सवार होकर तुर्की की राजधानी इस्तांबुल पहुँची।