रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन से निकलने का प्रयास कर रहे अफ्रीकी छात्रों ने अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। ये वो अफ्रीकी छात्र हैं जो यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सीमाओं से निकलना चाह रहे हैं। BBC की पत्रकार स्टीफ़नी हेगर्टी ने ऐसे आरोपों के कई ट्वीट को प्रकाशित किया है। उनके द्वारा प्रकाशित एक ट्वीट में बताया गया है कि बॉर्डर पर करने की कोशिश करती एक नाइजीरियन मेडिकल छात्रा को यूक्रेनी सैनिकों ने रोक लिया। उस से बताया गया कि काले लोग सीमा नहीं पार कर सकते। इसी के साथ उस छात्रा को वापस भेज दिया गया। इसी के साथ उस छात्रा को बताया गया कि पहले यूक्रेन जाएँगे।
A student I just spoke with says it was Ukrainian soldiers, not Polish border guards telling him this.
— Stephanie Hegarty (@stephhegarty) February 26, 2022
पोलैंड की सीमाओं पर तैनात सैनिको के प्रवक्ता ने बताया है कि वो यूक्रेन से हर किसी को अपनी सीमाओं में आने दे रहे हैं। ऐसी ही समस्या भारत के भी एक छात्र के साथ पोलैंड – यूक्रेन बॉर्डर आई थी। बताया गया कि तब उस से यूक्रेनी सैनिको ने कहा था, “जब तुम्हारी सरकार हमें सहयोग नहीं कर रही है, तो हम तुम्हारा क्यों करें ?”
@Damilare_arah नाम के एक ट्विटर हैंडल ने एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में अफ्रीकी लोगों को यूक्रेन के लोगों द्वारा एक ट्रेन में बैठने से रोका जा रहा है। ट्वीट में लिखा गया है, “यूक्रेन का आधिकारिक वीडियो जिसमें अफ्रीकियों को ट्रेन में बैठने से रोका जा रहा है।”
The official visuals of Ukrainians blocking Africans from getting on trains. #AfricansinUkraine pic.twitter.com/hJYpM3LY0A
— Damilare / ViF (@Damilare_arah) February 26, 2022
@nzekiev नाम के एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, “अफ़्रीकी अंतिम लोग होंगे जिन्हे ट्रेन में बैठने दिया जाएगा। यहाँ कीव के रेलवे स्टेशनों पर पहले बच्चे, फिर दूसरे पर महिलाएँ, तीसरे पर पुरुष फिर बचे खुचे अफ्रीकी। हम कई घंटों से ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं। फिर भी उसमें घुस नहीं पाए। कई अफ्रीकी अभी भी यहाँ से जाने का इंतज़ार कर रहे हैं।”
Vokzalna, Kyiv. pic.twitter.com/Jjyq8P58SA
— Nze (@nzekiev) February 25, 2022
‘@nzekiev’ नाम के ट्विटर यूजर ने ही एक अन्य ट्वीट शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि अफ्रीकी यूक्रेन की सीमाओं पर 2 दिनों से हैं। लेकिन यूक्रेन की आर्मी और पुलिस उन्हें सीमा पार नहीं करने दे रही है।
We met many Africans at the border, they have been here for 2 days but Ukrainian Police and Army refused to let them pass.#AfricansinUkraine pic.twitter.com/prY3oQ40ua
— Nze (@nzekiev) February 27, 2022
@nzekiev के एक और वीडियो में दावा किया गया है कि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने उन्हें गोली मार देने की धमकी दी है। इस वीडियो में अफ्रीकियों को कहते सुना जा सकता है कि हमारे पास बंदूकें नहीं हैं।
Watch how they are threatening to shoot us!
— Nze (@nzekiev) February 27, 2022
We are currently at the Ukraine -Poland border.
Their Police and Army refused to let Africans cross they only allow Ukrainian.
Some have slept here for 2 days under this scorching cold weather, while many have gone back to Lviv. pic.twitter.com/47YG4gxFC4
WHO में विशेष दूत डॉ अलाकीजा (Dr. Ayoade Alakija) ने अपने @yodifiji हैंडल से लिखा, “काले अफ्रीकियों को यूक्रेन में भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। उन्हें यह भेदभाव यूक्रेन और पोलैंड दोनों से झेलना पड़ रहा है। पश्चिमी देश अफ्रीकियों से उनके समर्थन में खड़े होने के लिए नहीं कह सकते अगर वो हमारे साथ सभ्यता से पेश नहीं आएंगे तो। खास तौर पर युद्ध जैसे समय पर। उन्हें युद्ध क्षेत्र में भुला दिया गया और मरने के लिए छोड़ दिया गया। ये बर्दाश्त नहीं।”
Black Africans are being treated with racism and contempt in Ukraine & Poland. West cannot ask African nations to stand in solidarity with them if they cannot display basic respect for us even in a time of war. Ignored in a pandemic and left to die in war?!! UNACCEPTABLE.
— Dr. Ayoade Alakija (@yodifiji) February 25, 2022
AfricansinUkraine नाम से ट्विटर हैशटैग चलाते हुए @Damilare_arah ने एक और वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में एक महिला अपने 2 माह के बच्चे को खाना खिला रही है। उसे पोलैंड में जाने का इंतज़ार है।
#AfricansinUkraine the community of Africans in Ukraine stranded at the boarder much of them women and children. — This is happening now
— Damilare / ViF (@Damilare_arah) February 26, 2022
The lady in the video is holding a 2 month old and it’s 3°c outside we are in search of aid and hostels pic.twitter.com/Ae2Iwn4zpg
रूस का यूक्रेन पर हमला
24 फरवरी को रूस ने आधिकारिक रूप से यूक्रेन के खिलाफ सैनिक अभियान शुरू कर दिया था। यूक्रेन छात्रों की पढ़ाई के लिए काफी प्रसिद्ध स्थान है। यहाँ विकासशील देशों के ज्यादातर छात्र पढ़ने आते हैं। ख़ास तौर पर अफ्रीकी देशों के। इसके साथ कुछ अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में यूक्रेन में अफ्रीकियों के साथ भेदभाव को दिखाने का प्रयास किया गया है।