पाकिस्तान में हिंदुओं और हिन्दू मंदिरों पर हो रहे हमलों के बीच सिंध प्रांत में स्थित हैदराबाद में 126 साल पुराने शिव मंदिर को दोबारा से खोले जाने की खबर सामने आई है। कहा जा रहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार कर, इसके प्रशासनिक नियंत्रण को एक स्थानीय हिंदू संगठन को सौंपा गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 126 साल पुराने हिन्दू मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद इसे शुक्रवार (29 जनवरी, 2021) को पूजा के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इस्लामिक देश में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों की देखरेख करने वाले पाकिस्तान के बेनामी संपत्ति ट्रस्ट बोर्ड ने बताया कि हिन्दू मंदिरों पर हो रहे हमलों के बीच उसने हाल ही में पाकिस्तान के दर्जनों मंदिरों का नवीनीकरण किया है।
ETBP प्रवक्ता अमीर हाशमी ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया, “126 साल पुराने शिवमंदिर को गोस्वामी पुरुषोत्तम घर निहाल घर के नाम से जाना जाता है। यह सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर में स्थित है। इसका हाल ही में जीर्णोद्धार करने के बाद इसे दर्शनाथियों के लिए खोल दिया गया है। बोर्ड ने बताया कि इसका प्रशासनिक नियंत्रण एक स्थानीय हिंदू संगठन को सौंपा गया है।”
दरअसल, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष छैला राम ने ईटीपीबी के अध्यक्ष डॉ. आमेर अहमद से अनुरोध किया था कि हिंदू श्रद्धालु मंदिर में अच्छे से धार्मिक अनुष्ठान कर सकें, इसलिए वे आसपास की कुछ और जमीन इसमें मिलाकर मंदिर का दायरा बढ़ा दे। ताकि हिंदू आसानी से इसे देख सकें और अपना अनुष्ठान कर सकें।
बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, “यह लंबे समय से खुला नहीं था क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्र का अतिक्रमण किया गया था। अब पहली बार मंदिर की भूमि को पुनः प्राप्त करने के बाद शिव मंदिर भारत और अन्य देशों से आने वाले हिंदुओं के लिए हमेशा खुला रहेगा।”
उन्होंने बताया कि हाल ही में पुनर्निर्मित किए गए अन्य मंदिरों में सियालकोट का 1000 साल पुराना शवला मंदिर भी शामिल है। फिलहाल पेशावर में मंदिरों का नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आए दिन हिन्दू बहु-बेटियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के मामले वहाँ से सामने आते ही रहते है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालाँकि हिंदुओं का मानना है कि देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं। जोकि ज्यादातर सिंध प्रांत में बसे हुए हैं।