इजरायल और गाजा पट्टी पर प्रशासनिक अधिकार रखने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हमास के बीच लगभग एक हफ्ते से चल रहे संघर्ष के दौरान रविवार को 57 देशों वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की सऊदी अरब के जेद्दा में आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कई मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिन्होंने अल-अक्सा मस्जिद में इजरायल की कार्रवाई पर चर्चा की।
#OIC holds emergency meeting today in Jeddah to discuss Israeli aggression in Al-Aqsa. The opening session of the meeting could be watched live now on the OIC website https://t.co/sexq8a1JZr. #AlAqsaMosque #FreePalastine #Palestine pic.twitter.com/6DUjZd5M7c
— OIC (@OIC_OCI) May 16, 2021
मंत्रीस्तरीय बैठक में प्रस्ताव के माध्यम से इस्लामिक उम्माह के उल्लंघन और फिलिस्तीन के खिलाफ उग्र कार्रवाई पर इजरायल को खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी गई।
Meeting resolution clearly and particularly warned about dangerous consequences of Israel’s deliberate inflammation of religious sensibilities and provocation of Palestinians and the Islamic Ummah.
— OIC (@OIC_OCI) May 16, 2021
#Palestine
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ़ अतमर ने कहा कि आज फिलिस्तीनियों की जो दुर्दशा है वह इस्लामिक देशों के लिए घाव की तरह है। फिलिस्तीन के विदेश मंत्री ने कहा कि वह अल्लाह से कहना चाहते हैं कि वो अंतिम समय तक फिलिस्तीन में होने वाले अन्याय का विरोध करेंगे। तुर्की ने भी बैठक में इजरायल का विरोध किया। तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि इजरायल को जो चेतवानी दी गई थी उसे अनसुना कर दिया गया है और वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में जो भी हुआ उसका एकमात्र जिम्मेदार इजरायल ही है।
बैठक में ईरान की ओर से इजरायल का कड़ा विरोध किया गया है। हाल ही में ईरान के एक शीर्ष नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने कहा था कि इजरायल मुस्लिम देशों के खिलाफ एक आतंकी ठिकाना है और सभी मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। OIC की बैठक में ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ़ ने कहा कि इजरायल मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार का दोषी है। इजरायल पर हमास के हमलों को जायज ठहराते हुए जरीफ़ ने कहा कि इजरायल विरोध की भाषा ही समझता है और फिलिस्तीन के लोगों को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा था कि विरोध बंद नहीं होगा और विरोध ही येरुशलम का एक मात्र रास्ता है। इस्माइल ने कहा कि फिलिस्तीनियों का एक ही लक्ष्य है, येरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी बनाना।
इजरायल और हमास का संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर हमास, इजरायल के रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बना रहा है वहीं इजरायल भी हमास के रॉकेट हमलों का जवाब दे रहा है। इजरायल ने हाल की कुछ कार्रवाईयों में हमास को बड़ा नुकसान पहुँचाया। इजरायल ने बड़ा हवाई हमला करते हुए हमास की मेट्रो कही जाने वाली भूमिगत सुरंगों पर भयंकर बमबारी की और शनिवार के दिन ही गाजा पट्टी की एक बहुमंजिला इमारत को नष्ट कर दिया। इस इमारत में अल-जजीरा जैसे कई मीडिया समूहों के ऑफिस थे।